September 28, 2025

राज्य के 4400 गांवों में डिजिटल क्रॉप सर्वे की शुरुआत, मोबाइल एप से खेत का होगा डिजिटलाइजेशन..

राज्य के 4400 गांवों में डिजिटल क्रॉप सर्वे की शुरुआत, मोबाइल एप से खेत का होगा डिजिटलाइजेशन..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में अब खेती-किसानी का रिकॉर्ड डिजिटल तरीके से तैयार किया जाएगा। राज्य सरकार ने कृषि मंत्रालय के निर्देश पर डिजिटल क्रॉप सर्वे की शुरुआत करने की तैयारी तेज कर दी है। इस योजना के तहत प्रदेश के 16 हजार से अधिक गांवों में से फिलहाल 4400 गांवों को चुना गया है, जहां पर यह सर्वे किया जाएगा। अब तक खेतों में बोई जाने वाली फसलों और उनकी क्षेत्रफल संबंधी जानकारी मैनुअल तरीके से जुटाई जाती थी। लेकिन डिजिटल क्रॉप सर्वे लागू होने के बाद किसानों से जुड़ा यह पूरा डेटा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा। इससे न केवल रिकॉर्ड पारदर्शी होगा बल्कि किसानों को योजनाओं और मुआवजे का सीधा लाभ भी समय पर मिल सकेगा। इस सर्वे में राजस्व, उद्यान, कृषि और गन्ना विकास विभाग की टीमें मिलकर काम करेंगी। फिलहाल कर्मचारियों को सर्वे की प्रक्रिया समझाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहे हैं। हर गांव में सर्वे टीमें जाकर फसलों का विवरण दर्ज करेंगी और उसका डिजिटल रिकार्ड तैयार किया जाएगा। इस पहल से भविष्य में कृषि क्षेत्र को आधुनिक तकनीक से जोड़ने में मदद मिलेगी और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लक्ष्य को भी मजबूती मिलेगी।

डिजिटल क्रॉप सर्वे को आधुनिक तकनीक से जोड़ दिया गया है। अब सर्वेयर जब भी किसी खेत में पहुंचेगा, तो उसकी जीपीएस लोकेशन तुरंत मोबाइल एप पर दर्ज हो जाएगी। इस एप में खेत का पूरा विवरण रीयल टाइम में अपलोड किया जाएगा। डिजिटल क्रॉप सर्वे में सर्वेयर को सबसे पहले खेत का फोटो खींचकर एप में अपलोड करना होगा। इसके बाद एप पर खेत का मालिकाना हक, क्षेत्रफल और उसमें बोई गई फसल का विवरण दर्ज किया जाएगा। यही नहीं, खेत में मौजूद वृक्षों की संख्या, खेत का सिंचित या असिंचित होना जैसी जानकारियां भी रिकॉर्ड की जाएंगी। डिजिटल क्रॉप सर्वे लागू होने के बाद किसानों के पास उनकी जमीन और फसलों का ऑनलाइन रिकॉर्ड उपलब्ध होगा। इससे प्राकृतिक आपदा या नुकसान की स्थिति में सटीक आंकड़े मिलने से राहत और मुआवजे का वितरण आसान होगा। फसल बीमा योजनाओं का लाभ समय पर मिल सकेगा। सरकारी नीतियां और योजनाएं अधिक पारदर्शी और किसानों की ज़रूरतों के अनुरूप बनेंगी। राज्य सरकार का मानना है कि यह व्यवस्था न केवल किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी, बल्कि कृषि क्षेत्र को डिजिटल युग से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम होगी।

साल में दो बार होगा सर्वे डिजिटल क्रॉप सर्वे रबी और खरीफ सीजन में वर्ष में दो बार किया जाएगा। हर सर्वे के दौरान खेत के कुल क्षेत्रफल, उसमें बोई गई फसल, और यदि किसान ने फसल में कोई बदलाव किया है तो उसका भी विवरण दर्ज होगा। इससे सरकार के पास राज्य में खेती-किसानी के पैटर्न और ट्रेंड की स्पष्ट जानकारी होगी। सिर्फ फसल ही नहीं, बल्कि सर्वे में खेत की भूमि की प्रकृति से जुड़े बदलाव भी शामिल होंगे। उदाहरण के लिए अगर किसी खेत में मकान या सड़क बन जाती है, तो उसका रिकॉर्ड भी डिजिटल सिस्टम पर दर्ज रहेगा। इससे राज्य में उपलब्ध कृषि भूमि और उसके उपयोग में होने वाले किसी भी बदलाव का सटीक डेटा सरकार के पास मौजूद होगा। राज्य में 4400 गांवों में पहले चरण में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराने की योजना है। इसके लिए राजस्व समेत अन्य विभागों के कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण पूरा होते ही सर्वे का काम शुरू होगा। राज्य सरकार का मानना है कि इस पहल से उत्तराखंड की खेती को तकनीक और डेटा आधारित ढांचे से जोड़ा जा सकेगा, जिससे किसानों की आय बढ़ाने और कृषि भूमि को सुरक्षित रखने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।