
अग्निवीरों को मिलेगा सम्मान और रोजगार, धामी सरकार ने दिया बड़ा तोहफा..
उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार ने पूर्व अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में आरक्षण का बड़ा तोहफा दिया है। राज्य के मूल और स्थायी निवासी पूर्व अग्निवीरों को अब समूह-ग के वर्दीधारी पदों पर 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण मिलेगा। कार्मिक विभाग ने इसकी नियमावली जारी कर दी है। नियमावली के अनुसार यह आरक्षण फिलहाल गृह, वन, आबकारी, परिवहन और सचिवालय प्रशासन विभाग की भर्तियों पर लागू होगा। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पिछले साल अग्निवीरों को राज्य की सेवाओं में आरक्षण देने की घोषणा की थी। अब नियमावली जारी होने के बाद यह फैसला लागू हो गया है। सरकार का कहना है कि यह कदम न केवल युवाओं को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगा, बल्कि सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें सुरक्षित भविष्य और सरकारी सेवाओं में योगदान देने का अवसर भी देगा।
इस नियमावली की सबसे खास बात यह है कि भारतीय थल सेना, नौसेना और वायुसेना में अग्निवीर के रूप में सेवानिवृत्त हुए उम्मीदवारों को न केवल आरक्षण का लाभ मिलेगा, बल्कि भर्ती प्रक्रिया में अतिरिक्त सुविधाएं भी दी जाएंगी। इनमें शारीरिक दक्षता परीक्षा से छूट और सेना में अग्निवीर के रूप में की गई कुल सेवा अवधि के बराबर अधिकतम आयु सीमा में छूट शामिल है। सीएम धामी ने पिछले वर्ष यह घोषणा की थी कि राज्य सरकार पूर्व अग्निवीरों को सम्मानजनक अवसर प्रदान करेगी। अब नियमावली लागू होने के बाद इस घोषणा को औपचारिक रूप मिल गया है।
इन पदों पर होने वाली भर्ती में मिलेगा आरक्षण..
अग्निवीरों को पुलिस उप निरीक्षक और वन दरोगा भर्ती सहित कई भर्तियों में आरक्षण का लाभ मिलेगा। नियमावली के अनुसार गृह विभाग में पुलिस आरक्षी (नागरिक/पीएसी), उप निरीक्षक नागरिक पुलिस, प्लाटून कमांडर पीएसी, अग्निशामक, अग्निशमन द्वितीय अधिकारी, बंदी रक्षक, उप कारापाल, वन विभाग में वन आरक्षी, वन दरोगा, आबकारी विभाग में आबकारी सिपाही, परिवहन विभाग में प्रवर्तन सिपाही और सचिवालय प्रशासन विभाग में सचिवालय रक्षक के पद शामिल हैं।
देश की सेवा कर लौटे पूर्व अग्निवीर प्रदेश का गौरव हैं। उन्हें सम्मान और रोजगार का अवसर देना हमारी जिम्मेदारी है। यह निर्णय सेवामुक्त हुए अग्निवीरों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक ठोस कदम है। हमारी सरकार पूर्व सैनिकों और अग्निवीरों को हर तरह से सेवायोजन का प्रयास कर रही है। सरकार का मानना है कि इस निर्णय से न केवल युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरणा मिलेगी, बल्कि सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें राज्य की सेवाओं में सम्मानजनक अवसर भी प्राप्त होंगे। यह कदम पूर्व सैनिकों और अग्निवीरों के जीवन को सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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