November 22, 2024

उत्तराखंड में सभी पुलिसकर्मियों का होगा कोविड टेस्ट..

उत्तराखंड में सभी पुलिसकर्मियों का होगा कोविड टेस्ट..

जनरल बीसी जोशी कोविड अस्पताल में संक्रमित की मौत..

 

उत्तराखंड: ऋषिकेश में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की वीआईपी ड्यूटी में लगे सात पुलसकर्मियों के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। डीजीपी अशोक कुमार ने सोमवार को प्रदेश के सभी पुलिसकर्मियों के कोविड एंटीजन टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं।

कु़माऊं के जनरल बीसी जोशी कोविड अस्पताल में भर्ती नैनीताल निवासी 70 वर्षीय एक कोविड संक्रमित मरीज की मौत हो गई। मरीज 15 नवंबर को अस्पताल में भर्ती हुआ था। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ अरुण जोशी के अनुसार, मरीज की भर्ती के समय से ही स्थिति गंभीर बनी हुई थी। निमोनिया, सांस व अन्य दिक्कतें भी थी। अस्पताल में करीब तीन महीने बाद किसी की कोविड संक्रमित की मौत हुई है।

संक्रमित आईएफएस अधिकारियों को आज राज्यों के लिए किया जाएगा रवाना..

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में प्रशिक्षण लेने आए बिहार, झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों के कोरोना संक्रमित आईएफएस अधिकारियों को मंगलवार को उनके मूल कैडर वाले राज्यों को भेज दिया जाएगा। जिलाधिकारी डॉक्टर आर राजेश कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की अगुवाई में टीम ने रविवार को अकादमी में जाकर कोरोना संक्रमित आईएफएस अधिकारियों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया।

एकेडमी के एडिशनल डायरेक्टर एसके अवस्थी का कहना हैं कि फिलहाल सभी अधिकारी पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं है। लिहाजा उनके बेहतर स्वास्थ्य को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी अधिकारियों को 12 मंगलवार तक उनके मूल कैडर वाले राज्यों में भेजने की इजाजत दे दी है। एडीशनल डायरेक्टर एसके अवस्थी के अनुसार सभी आईएफएस अधिकारियों को मंगलवार को उनके मूल कैडर वाले राज्यों को भेज दिया जाएगा।

आपको बता दें कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में देश के सभी राज्यों के 48 आईएफएस अधिकारी मिड टर्म प्रशिक्षण के लिए आए थे। इन अधिकारियों को आईआईएम लखनऊ और नई दिल्ली में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था। लेकिन जब नई दिल्ली में अधिकारियों का कोरोना टेस्ट कराया गया तो 11 अधिकारी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। जिसमें से तीन कोरोना संक्रमित अधिकारी तो नई दिल्ली से ही अपनी मूल कैडर वाले वाले राज्यों में भेज दिए गए थे। जबकि आठ अधिकारियों को देहरादून भेजकर अकादमी में क्वारंटाइन कर दिया गया था।