भरदार पट्टी के दरमोला गांव स्थित उफराई देवी मंदिर में 12 वर्षो बाद अयुत्त महायज्ञ का शुभारंभ..
देव निशानों ने नृत्य कर भक्तों को दिया आशीर्वाद..
रुद्रप्रयाग। भरदार पट्टी की मां उफराई देवी मंदिर में 12 वर्षो बाद क्षेत्र की खुशहाली व समृद्धि के लिए अयुत्त महायज्ञ का आयोजन विधिवत शुरू हो गया है। इससे पूर्व ग्रामीण शंकरनाथ, विनसर, क्षेत्रपाल, हीत, नागराजा समेत कई देव निशानों को ढोल नगाड़ो के साथ गंगा स्नान के लिए संगम तट पर पहुंचे, जहां पर स्नान के बाद देव निशान मंदिर प्रांगण पहुंचने पर भक्तों ने पुष्प व अक्षतों से जोरदार स्वागत किया। इस दौरान देव निशानों ने नृत्य कर भक्तों को आशीर्वाद भी दिया। इस दौरान क्षेत्र के दरमोला, जवाडी, रौठिया, स्वीली, सेम, डुंग्री, तरवाड़ी, कोटली समेत आठ गांवों के लगभग एक हजार से अधिक भक्तों मंदिर परिसर में पहुंचकर पुण्य अर्जित किया। मंदिर में बना यज्ञ कुंड को भगवान शंकरनाथ एवं विनसर देवताओं द्वारा खोला गया। इसके बाद उफराई देवी मंदिर में 11 ब्राह्मणों ने पंचाग पूजा, गणेश पूजा, भद्र पूजा व्यास पूजा समेत कई नित्य पूजाएं संपन्न की। ब्राह्मणों ने हवनकुंड में जोत जलाकर आहुतियां डालने की प्रक्रिया शुरू की। प्रतिदिन हवनकुंड में जौ, तिल व घी लगभग एक हजार आहुतियां डाली जाएंगी। नौ दिनों तक चलने वाले इस महायज्ञ में लगभग नौ हजार आहुतियां डाली जाएंगी। आगामी नौ अप्रैल को भव्य जल कलश एवं 10 अप्रैल को पूर्णाहुति के साथ महायज्ञ का समापन होगा।
वहीं श्रीमददेवी भागवत पुराण कथा में कथावाचक आचार्य गणेश प्रसाद जोशी ने कहा कि देवी भागवत कथा से श्रवण से मनुष्यों के जन्म जन्मातरों के पाप धुल जाते है। कहा कि मां सबके हृदय में बुद्धि व चौतन्य के रूप में विराजमान है। मात्र उसे समझने की जरूरत है। कहा कि यह क्षेत्र केदारखंड में आता है। यह पूरा क्षेत्र भगवान शिव की नगरी है। यहां हमें दो-दो नदियां मिली है। जो पूरे क्षेत्र को पवित्र करते हुए आगे बढ़ रही है। कथा के बीच-बीच में भजन कीर्तनों से कथा का महौल भक्तिमय हो उठा। उफराई देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रकाश कप्रवान एवं उपाध्यक्ष विक्रम सिंह पंवार ने बताया क्षेत्र की खुशहाली व समृद्धि के लिए उफराई देवी मंदिर दरमोला में 12 वर्षों बाद अयुत्त महायज्ञ व श्रीमदभागवत कथा शुरू हो गई है। इससे पहले वर्ष 2011 में यहां पर महायज्ञ का आयोजन हुआ था। अगामी नौ अप्रैल को जल कलश यात्रा एवं 10 अप्रैल को पूर्णाहुति के साथ कार्यक्रम का समापन किया जाएगा। इस अवसर पर उराई देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रकाश कप्रवान, उपाध्यक्ष विक्रम पंवार, कोषाध्यक्ष देवराज सिंधवाल, सचिव देव सिंह रावत, सह सचिव नागेन्द्र कप्रवान, संरक्षक जसपाल पंवार, मंगल पंवार, लखपत सिंह पंवार, पुजारी योगेश डिमरी, ब्राह्मण वेदप्रकाश डिमरी, पुष्पानंद डिमरी, विजयानंद, विष्णु प्रसाद, लखपत सिंह, कमल सिंह, पूर्ण सिंह, विनोद पंवार, राकेश पंवार, दान सिंह समेत बड़ी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।
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