
सेना प्रमुख ने अग्रिम चौकियों का दौरा कर ‘आइबेक्स तराना’ कम्युनिटी रेडियो का किया उद्घाटन..
उत्तराखंड: सीमावर्ती क्षेत्रों में संचार और सामुदायिक जुड़ाव को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत रविवार को थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ज्योतिर्मठ में पहले कम्युनिटी रेडियो स्टेशन ‘आइबेक्स तराना 88.4 एफएम’ का औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर जनरल द्विवेदी ने गढ़वाल क्षेत्र की अग्रिम चौकियों का दौरा भी किया। उन्होंने वहां तैनात जवानों से मुलाकात कर उनका मनोबल बढ़ाया और उनकी सेवाओं के प्रति गहरी सराहना व्यक्त की। जवानों से बातचीत के दौरान उन्होंने सतर्कता और सजगता बनाए रखने पर विशेष बल दिया। कम्युनिटी रेडियो ‘आइबेक्स तराना’ सीमावर्ती इलाकों के लोगों और सैनिकों को जोड़ने का एक सशक्त माध्यम बनेगा। यह न केवल स्थानीय मुद्दों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रसारण करेगा, बल्कि आपदा प्रबंधन और सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों का आदान-प्रदान भी सुनिश्चित करेगा। यह पहल रणनीतिक और सामाजिक दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों और सेना के बीच समन्वय को मजबूती मिलेगी।
रेडियो स्टेशन के पॉडकास्ट में विशेष संवाद के दौरान थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि आइबेक्स सिर्फ एक रेडियो स्टेशन नहीं, बल्कि युवाओं की आवाज को बढ़ावा देने का एक सशक्त माध्यम है। जनरल द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि यह रेडियो प्लेटफॉर्म स्थानीय समुदाय को एकजुट करेगा, स्थानीय प्रतिभाओं को उभरने का अवसर देगा, और लोगों को अपनी संस्कृति और विरासत से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने इसे एक “जनभागीदारी का मंच” करार देते हुए कहा कि ऐसे प्रयासों से सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को भी सामाजिक और सांस्कृतिक मुख्यधारा से जोड़ा जा सकता है।इसके साथ ही उन्होंने गढ़वाल की अग्रिम चौकियों का दौरा कर जवानों से मुलाकात की और उनके साहस, समर्पण और सतर्कता की सराहना की। उन्होंने सभी से मिशन-रेडी रहने और सीमाओं की सुरक्षा में कोई ढिलाई न बरतने का आग्रह किया। ‘आइबेक्स तराना’ अब सीमांत क्षेत्र की नब्ज बनेगा, जहां लोकसंस्कृति, शिक्षा, आपदा प्रबंधन और राष्ट्रभक्ति से जुड़ी आवाजें रोज़ गूंजेंगी।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि इस रेडियो का उद्देश्य युवाओं की आवाज को मंच देना, समुदाय को एकजुट करना, और क्षेत्र की सांस्कृतिक विविधता को संरक्षित करना है। उन्होंने बताया कि ‘आइबेक्स तराना’ के प्रसारण में शिक्षा, पर्यावरण, मौसम, मनोरंजन, रोजगार, आपदा तैयारी, पर्यटन, स्वास्थ्य और पारंपरिक कला जैसे विषय शामिल रहेंगे, जो स्थानीय जनता से सीधे जुड़े हैं। इस मौके पर सेना प्रमुख ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सेवा देने वाले कुछ पूर्व सैनिकों को ‘वेटरंस अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित भी किया। यह सम्मान उन्हें राष्ट्र निर्माण और समाज की बेहतरी में दिए गए उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया गया। इसके साथ ही उन्होंने गढ़वाल की अग्रिम चौकियों का दौरा किया, जहां उन्होंने जवानों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि उनका समर्पण और सजगता ही हमारी सीमाओं की असली सुरक्षा है।‘आइबेक्स तराना’ अब न केवल सीमावर्ती इलाकों में संवाद और सूचना का माध्यम बनेगा, बल्कि यह संस्कृति, प्रतिभा और चेतना का नया स्वरूप भी साबित होगा।
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