भू-कानून पर समिति इस माह आखिर तक सौंपेगी रिपोर्ट, विचार रखने वालों को दिया जाएगा सुनवाई का मौका..
उत्तराखंड: भू-कानून के परीक्षण और अध्ययन को गठित उच्च स्तरीय समिति चालू माह के अंत तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है। इससे पहले समिति ने सभी जिलाधिकारियों से मौजूदा भू-कानून में दी गई रियायत के उपयोग के संबंध में रिपोर्ट तलब की है। यह भी तय किया गया कि भू-कानून के बारे में विचार रखने के इच्छुक व्यक्तियों को सुनवाई का मौका दिया जाएगा।
पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में गठित समिति की मंगलवार को राज्य अतिथिगृह बीजापुर में बैठक हुई। बैठक में समिति की ओर से मांगे गए जन सुझावों पर मंथन किया गया। समिति को 190 सुझाव प्राप्त हुए हैं। इनमें अधिकतर सुझावों में हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर भू-कानून बनाने की मांग की गई है। इसके साथ ही 12.5 एकड़ से ज्यादा भूमि खरीद की अनुमति पर सवाल उठाए गए हैं। बाहरी व्यक्तियों को राज्य में भूमि खरीद की अनुमति देने पर भी आपत्ति जताई गई है।
तमाम सुझावों और आपत्तियों पर मंथन करने के बाद समिति ने सभी जिलाधिकारियों से भू-कानून अधिनियम-2019 में किए गए संशोधनों को लेकर रिपोर्ट तलब की है। शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, उद्योग, पर्यटन व ऊर्जा समेत विभिन्न औद्योगिक व व्यवसायिक गतिविधियों के लिए भूमि खरीद में दी गई ढील के अब तक उपयोग का ब्योरा जिलाधिकारियों को देना होगा। भूमि खरीद का उसके वास्तविक उद्देश्य की पूर्ति के लिए उपयोग हुआ या नहीं, इसका जायजा भी लिया जाएगा। जिलाधिकारियों को जल्द रिपोर्ट देने को कहा जा रहा है।
समिति के सदस्य सचिव एवं राजस्व सचिव रविनाथ रमन का कहना हैं कि समिति ने सुझावों पर मंथन किया है। जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है। इसे समिति की अगली बैठक में रखा जाएगा। उनका कहना हैं कि समिति इस माह के आखिर तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है। बैठक में समिति के सदस्य अजेंद्र अजेय, उप राजस्व आयुक्त देवानंद समेत राजस्व विभाग के कई अधिकारी मौजूद रहे।
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