
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने किया मेधावियों और स्कूलों का सम्मान, शिक्षा में गुणवत्ता पर जोर..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वाले 75 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया। इसके साथ ही बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट परिणाम देने वाले छह स्कूलों को मुख्यमंत्री ट्रॉफी, प्रशस्ति पत्र और नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। यह सम्मान एससीईआरटी सभागार में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह के दौरान दिया गया। सीएम ने इस अवसर पर कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। उनका मानना था कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि उसमें राष्ट्रप्रेम, नैतिक मूल्य, सामाजिक समरसता और व्यावहारिकता का समावेश भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठा रही है। खासकर नवाचार, डिजिटल लर्निंग और भारतीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा व्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है। मेधावी छात्र ही आने वाले समय में राज्य और देश का नाम रोशन करेंगे। ऐसे में उन्हें पुरस्कृत करना न केवल उनकी मेहनत का सम्मान है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने का भी माध्यम है।
उत्तराखंड सरकार शिक्षा क्षेत्र में आधुनिक तकनीक और भारतीय मूल्यों के समन्वय से नए प्रयोग कर रही है। राज्य के शिक्षण संस्थानों में स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी और ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म विकसित किए जा रहे हैं, ताकि छात्र डिजिटल युग के अनुसार सीख सकें। राज्य सरकार ने “हमारी विरासत” पुस्तक के माध्यम से कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को भारत की समृद्ध संस्कृति, लोक परंपराओं और महान विभूतियों से परिचित कराने का कार्य किया है। इसका उद्देश्य बच्चों में राष्ट्रीय और सांस्कृतिक चेतना को मजबूत करना है। प्रदेश में 226 विद्यालयों को पीएम श्री विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके साथ ही सभी 13 जनपदों के 1300 विद्यालयों में वर्चुअल कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। दूरदराज़ के बच्चों तक शिक्षा पहुँचाने के लिए 5 पीएम ई-विद्या चैनल भी संचालित किए जा रहे हैं।सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), एनडीए और सीडीएस जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में आगे बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता भी दे रही है। लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार की तैयारी के लिए 50 हजार रुपये की मदद प्रदान की जा रही है। सीएम ने कहा कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसमें नवाचार, डिजिटल लर्निंग और भारतीय मूल्यों का समावेश होना अनिवार्य है, ताकि विद्यार्थी आधुनिक ज्ञान के साथ-साथ अपनी सांस्कृतिक धरोहर से भी जुड़े रहें।
शिक्षा क्षेत्र को और मजबूत बनाने के लिए विभाग में 2100 शिक्षक पदों पर भर्ती की जाएगी। यह जानकारी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दी। भर्ती प्रक्रिया के लिए शिक्षा नियमावली में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे। शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि इस साल उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा में प्रथम श्रेणी से पास होने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने इसे शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक संकेत और विद्यार्थियों की मेहनत का परिणाम बताया। इस अवसर पर कार्यक्रम में शिक्षा सचिव रविनाथ रामन, महानिदेशक शिक्षा दीप्ति सिंह, शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती, निदेशक एससीईआरटी बंदना, कुलदीप गैरोला और पदमेंद्र सकलानी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। डॉ. रावत ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के स्तर को और ऊँचाई तक ले जाने, डिजिटल और स्मार्ट शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षण सुविधाएं प्रदान करने तथा शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि सभी जिलों और स्कूलों में शिक्षा का स्तर समान रूप से उच्च हो, जिससे हर छात्र-छात्रा को समान अवसर और गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध हो।
इन स्कूलों को मिली मुख्यमंत्री टॉफी..
समारोह में सीएम धामी ने ग्लोरियल इंटर काॅलेज डीडीहाट पिथौरागढ़, जीआईसी पाली अल्मोड़ा, स्नेहा दून एकेडमी देहरादून को इंटरमीडिएट स्तर पर और राउमावि रामपुर टिहरी गढ़वाल, शिखर इंटर काॅलेज डीडीहाट पिथौरागढ़, विवेकानंद मॉर्डन हाईस्कूल देघाट अल्मोड़ा को हाईस्कूल स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सीएम ट्रॉफी दी। सीएम ने कहा कि यह पहल विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों को प्रेरित करने के लिए की गई है। इसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देना और स्कूलों में प्रतिस्पर्धात्मक माहौल तैयार करना है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार शैक्षिक नवाचार, डिजिटल शिक्षा और भारतीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इस कार्यक्रम में शिक्षा सचिव, महानिदेशक शिक्षा, निदेशक एससीईआरटी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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