
कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के भविष्य को संवारने की दिशा में बड़ा कदम..
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत आर्थिक मदद..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में उन बच्चों के लिए एक अहम कदम उठाया गया है, जिन्हें माता-पिता का प्यार और देखभाल नहीं मिल पाई। महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग ने एसओएस चिल्ड्रेन विलेज संस्था से करार किया है, जिसके तहत 16 से 21 साल की उम्र के 264 बच्चों का चयन किया गया है। यह वे बच्चे हैं जिनके माता-पिता नहीं हैं और जिनकी देखभाल में राज्य सरकार की मदद की आवश्यकता है। इस पहल का उद्देश्य इन बच्चों को वयस्क होने के बाद कॅरिअर में बेहतर मुकाम तक पहुंचाने के लिए अवसर प्रदान करना है। इसके माध्यम से बच्चों को शिक्षा, कौशल विकास, और आत्मनिर्भर बनने के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। यह कदम महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग की ओर से एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो इन बच्चों के भविष्य को सशक्त बनाने और उन्हें समाज में समान अवसर देने की दिशा में उठाया गया है।
उत्तराखंड सरकार ने महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग के साथ मिलकर एसओएस चिल्ड्रेन विलेज संस्था से करार किया है, जिसका उद्देश्य उन बच्चों को बेहतर भविष्य देना है, जो कोरोना काल में अनाथ हो गए थे। इन बच्चों में से ज्यादातर वे हैं जिन्होंने महामारी के दौरान अपने माता-पिता को खो दिया। इन बच्चों को मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत तीन हजार रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता मिलती है, जो उन्हें 21 वर्ष की आयु तक दी जाती है। हालांकि 21 साल के बाद यह लाभ समाप्त हो जाता है, और सबसे बड़ी चुनौती तब आती है, जब ये बच्चे वयस्क हो जाते हैं और उनके सामने स्वावलंबी जीवन की चुनौतियां खड़ी होती हैं। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने इन बच्चों के लिए एक विशेष योजना बनाई है, जिसके तहत 16 से 21 साल की उम्र के 264 बच्चों को कॅरिअर की दिशा में मदद देने के लिए एसओएस चिल्ड्रेन विलेज के साथ करार किया है। इस पहल के माध्यम से इन बच्चों को आवश्यक कौशल प्रशिक्षण, शिक्षा और समाज में आत्मनिर्भर बनने के अवसर प्रदान किए जाएंगे। ताकि वे अपने भविष्य को अपने हाथों में ले सकें और समाज में एक सकारात्मक योगदान दे सकें।
इसलिए ऐसे बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने के साथ-साथ आत्मनिर्भर और आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने की कार्य योजना तैयार की गई है। चयनित बच्चों के लिए मेंटरशिप प्रोग्राम चलाया जाएगा, जिसमें उन बच्चों के आसपास रहने वाले अनुभवी और सशक्त लोगों को उनका मेंटर चुुना जाएगा। वे वात्सल्य योजना में शामिल बच्चों और वयस्कों को उच्च शिक्षा के लिए शिक्षित करने के साथ कौशल विकास के लिए प्रशिक्षित भी करेंगे। सभी को इंग्लिश स्पीकिंग, कंप्यूटर कोर्स और निशुल्क कोचिंग दी जाएगी। हाल में इनमें से कई बच्चों को टैबलेट दिए गए हैं।
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