चारधाम यात्रा और कोरोना की चौथी लहर, सरकार के सामने दोहरी चुनौती..
उत्तराखंड: कोरोना के मामले बहुत कम होने के बाद राज्य सरकार ने कोविड गाइडलाइन में पूरी तरह से ढील दे दी थी । ढील के बाद राज्य के भीतर और बाहर से आने वाले लोग मास्क पहनने और सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं। वहीं कोरोना के कारण राज्य में पर्यटन कारोबार लगभग पूरी तरह से चौपट रहा। तीसरी लहर के थमने के बाद राज्य सरकार और राज्य के पर्यटन कारोबारियों और इस चारधाम यात्रा पर आश्रित व्यवसायियों ने राहत की सांस ली। लेकिन चौथी लहर की संभावना के चलते वे भी चिंता में हैं।
बता दे कि देश में कोविड की चौथी लहर की संभावना को लेकर प्रदेश सरकार भी चिंतित है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना हैं कि सरकार प्राथमिकता के आधार पर कोरोना से बचाव के काम करेगी। इस संबंध में उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से चर्चा भी की। आपको बता दे कि यूपी और दिल्ली में कोरोना के मामलों में आ रही तेजी से उत्तराखंड सरकार भी चिंतित हैं। बढ़ती गर्मी के साथ पड़ोसी राज्यों से बड़ी संख्या में पर्यटक भी उत्तराखंड आ रहे हैं। वही प्रदेश सरकार का कहना हैं कि इस बार चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालु आ सकते हैं। बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए सरकार के सामने सिर्फ व्यवस्थाएं जुटाने की चुनौती नहीं रह गई है। अब कोरोना की चौथी लहर की संभावनाओं से सरकार के सामने दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है।
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