
xr:d:DAF8kuY3yqs:21,j:2219567449485228804,t:24021505
उत्तराखंड सरकार ने नई आबकारी नीति 2025 को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत कई अहम बदलाव किए गए हैं। धार्मिक स्थलों के निकटवर्ती शराब की दुकानें बंद की जाएंगी, जबकि एमआरपी से अधिक कीमत वसूलने पर लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान किया गया है।
मुख्य बिंदु:
. धार्मिक क्षेत्रों के सम्मान में सख्त कदम – इनके पास स्थित शराब की दुकानें बंद होंगी।
. ओवर रेटिंग पर कार्रवाई – एमआरपी से अधिक कीमत लेने पर दुकान का लाइसेंस रद्द किया जाएगा।
. डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर एमआरपी लागू – सभी स्टोर्स में शराब एमआरपी पर ही बेची जाएगी।
. उप-दुकानों और मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था समाप्त – सरकार ने इन व्यवस्थाओं को खत्म कर दिया है।
आबकारी राजस्व और वित्तीय लक्ष्य
राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 5060 करोड़ रुपये के आबकारी राजस्व का लक्ष्य रखा है।
. 2023-24: 4000 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले 4038.69 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित।
. 2024-25: 4439 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 4000 करोड़ रुपये की प्राप्ति।
पर्वतीय क्षेत्रों को विशेष लाभ
. वाइनरी उद्योग को बढ़ावा – स्थानीय फलों से वाइनरी स्थापित करने पर 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में छूट।
. स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता – थोक मदिरा दुकानों के लाइसेंस केवल उत्तराखंड के निवासियों को दिए जाएंगे।
. मदिरा उद्योग में निवेश को बढ़ावा – निर्यात शुल्क में कटौती और माल्ट एवं स्प्रिट उद्योगों को पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सुविधाएं।
नई आबकारी नीति से राजस्व में वृद्धि के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और धार्मिक स्थलों की गरिमा बनी रहेगी।
More Stories
उत्तराखंड में चार नए रूट पर हेली सेवाओं की शुरुआत, CM धामी ने दिखाई हरी झंडी
उत्तराखंड में लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए कमेटी गठित, हाईकोर्ट में पेश हुआ शपथपत्र
केदारनाथ हेली टिकट बुकिंग की जिम्मेदारी IRCTC को, विजिलेंस रखेगी सख्त निगरानी