जखोली के सातोली में काश्तकार भटट कर रहे हैं सेब, कीवी, बड़ी इलायची सहित सब्जियों का उत्पादन..
सरकार की योजनाओं की काश्तकार को मिल रही है पूर्ण मदद..
काश्तकार के फार्म हाउस का जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने भी किया निरीक्षण..
दो हेक्टेयर में काश्तकार ने तैयार किया है फार्म हाउस, फल, सब्जियों के साथ होता है मत्स्य व मुर्गी पालन भी..
रुद्रप्रयाग। कोई भी व्यक्ति अपने गृह क्षेत्र में ही उद्यानीकरण के अलावा सब्जी उत्पादन करके स्वरोजगार करके अन्य व्यक्तियों को भी रोजगार दे सकता है। स्वरोजगार अपनाने के लिये काश्तकारों को सरकार की ओर से भी मदद मिल रही है। जनपद के विकासखण्ड जखोली के अंतर्गत चैंरा गांव के सातोली में काश्तकार महेन्द्रराज भटट सेब, कीवी, माल्टा, बड़ी इलायची सहित कई प्रकार की सब्जियों का उत्पादन करके जनपद के अन्य काश्तकारों के लिये प्रेरणा बने हुये हैं।
विकासखण्ड जखोली के अंतर्गत ग्राम पंचायत चैंरा के सातोली में काश्तकार महेन्द्र राज भटट ने एक फार्म हाउस निर्मित किया है। यह फार्म हाउस करीब दो हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इस फार्म हाउस के अंदर सेब, कीवी, माल्टा, बड़ी इलायची, चाय समेत अन्य फल, सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है। साथ ही काश्तकार भटट की ओर से मत्स्य व मुर्गी पालन का कार्य भी किया जा रहा है। काश्तकार ने यहां पर सेब के अलग-अलग प्रजाति के आठ सौ से भी अधिक पौधे लगाये हैं और ठंडी जगह होने के कारण यहां पर पौधे खूब विकसित हो रहे हैं। कुछ ही वर्षों में यह पौधे फल देने भी लग जाएंगे। फल एवं सब्जी उत्पादन के अलावा मत्स्य व मुर्गी पालन के जरिये महेन्द्र राज भटट स्वरोजगार अपनाकर अन्य काश्तकारों के लिये भी प्रेरणा बने हुये हैं।
जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र चैधरी ने बताया कि वर्ष 2020-21 में 0.40 हेक्टेयर में करीब 5 लाख 37 हजार रुपए की लागत से सघन सेब उद्यानीकरण तैयार किया गया है। इसके अलावा कीवी, स्टाॅबेरी समेत अन्य कैशक्राॅप उत्पादन के लिए भी काश्तकार को सहायता दी गई है। मनरेगा के तहत घेरबाड़, टैंक व गूल निर्माण के लिये 9 लाख 13 हजार रुपए की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि अन्य काश्तकार भी इस प्रकार का कार्य करते हैं तो उन्हे भी मदद उपलब्ध कराई जायेगी।
काश्तकार महेन्द्रराज भटट के फार्म हाउस का निरीक्षण करते हुये जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में इस तरह के फाॅर्म विकसित होने से आजीविका में वृद्धि होती है तथा उनसे अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर ऐसे कृषकों को हर संभव मदद दी जा रही है। साथ ही समय-समय पर उनका आवश्यक मार्गदर्शन भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि जनपद में ऐसे प्रगतिशील कृषकों से अन्य कृषक प्रेरित हो सकें, इसके लिए उनका प्रचार-प्रसार किया जाना आवश्यक है। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में सेब की पैदावार बढाने के लिए सेब के बगीचों को विकसित करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं तथा इस दिशा में कार्य करने वाले कृषकों को उचित प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने उत्तरकाशी जैसे अन्य सेब उत्पादित जनपदों में कृषकों का भ्रमण किए जाने को आवश्यक बताया ताकि किसान खेती की बारीकियों का निरीक्षण कर और बेहतर उत्पादन कर सकें।
More Stories
26 दिसंबर को होगी यूपीसीएल की बोर्ड बैठक..
शीतकालीन गद्दी स्थलों पर पहुंचे रहे श्रद्धालु, ऊखीमठ में किए गए सबसे अधिक दर्शन..
चारधाम यात्रा प्राधिकरण बनाने की प्रक्रिया 30 जनवरी तक होगी पूरी..