July 21, 2025

IPS रचिता जुयाल को सौंपी गई बड़ी जिम्मेदारी, हरिद्वार भूमि घोटाले की विजिलेंस जांच टीम की कमान संभालेंगी

देहरादून/हरिद्वार: चर्चाओं में रहीं उत्तराखंड कैडर की 2015 बैच की आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल को राज्य सरकार ने एक अहम जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें हरिद्वार भूमि घोटाले की जांच कर रही विजिलेंस टीम का नेतृत्व सौंपा गया है। गृह सचिव शैलेश बगौली द्वारा जारी आदेश के अनुसार, पांच सदस्यीय विजिलेंस टीम का गठन किया गया है, जिसकी अगुवाई अब रचिता जुयाल करेंगी।

सराय भूमि घोटाले पर सरकार का सख्त रवैया
यह मामला हरिद्वार के ग्राम सराय में सामने आया है, जहां नगर निगम ने नियमों की अनदेखी करते हुए 2.3 हेक्टेयर अनुपयुक्त भूमि करोड़ों रुपये में खरीदी। इस अनियमितता की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त कदम उठाते हुए हरिद्वार जिलाधिकारी सहित 12 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। इसके बाद मामले की गहराई से जांच के लिए विजिलेंस विभाग को जिम्मेदारी दी गई।

इस्तीफे के बीच मिली जिम्मेदारी, सरकार का भरोसा कायम
हाल ही में रचिता जुयाल ने निजी कारणों का हवाला देते हुए सेवा से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अभी तक उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया गया है। ऐसे समय में राज्य सरकार द्वारा उन्हें इस हाई-प्रोफाइल मामले की कमान सौंपना यह दर्शाता है कि प्रशासन अब भी उनकी क्षमताओं और ईमानदारी पर पूरा भरोसा करता है।

जांच में सामने आईं गंभीर लापरवाहियां
इस जमीन खरीद में न केवल पारदर्शिता की कमी थी, बल्कि कोई तत्काल आवश्यकता भी नहीं बताई गई। सचिव रणवीर सिंह चौहान द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में नगर निगम की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठे हैं। रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री ने कार्मिक विभाग को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए, जिसके तहत अब तक सात अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है।