July 2, 2025

उत्तराखंड में बस्ता रहित दिवस की शुरुआत: बच्चों के समग्र विकास के लिए नई पहल..

उत्तराखंड में बस्ता रहित दिवस की शुरुआत: बच्चों के समग्र विकास के लिए नई पहल..

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश सरकार ने बच्चों के कंधों से बस्ते का बोझ कम करने के लिए एक अहम कदम उठाया है। अब प्रदेश के सरकारी और निजी सभी स्कूलों में हर महीने के अंतिम शनिवार को बस्ता मुक्त दिवस मनाया जाएगा। इस निर्णय के तहत उत्तराखंड बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई, संस्कृत और भारतीय शिक्षा परिषद के सभी स्कूलों में बच्चों को बस्ता लेकर स्कूल नहीं जाना होगा। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना हैं कि यह निर्णय बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। बस्ता मुक्त दिवस के दौरान, बच्चे किसी भी भारी बैग के बिना स्कूल जाएंगे, जिससे उनका शारीरिक बोझ कम होगा। इस दिन को बच्चों के लिए विशेष रूप से मनोरंजन, खेलकूद और रचनात्मक गतिविधियों के लिए रखा जाएगा।

उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने एससीईआरटी सभागार में आयोजित एक विशेष कार्यशाला में बस्ता रहित दिवस की शुरुआत की और गतिविधि पुस्तिका का विमोचन किया। इस पहल का उद्देश्य बच्चों को न केवल पढ़ाई बल्कि अन्य सामाजिक, खेल, व्यावसायिक, कृषि और कला गतिविधियों में भी दक्ष बनाना है। कार्यशाला में डॉ. रावत ने कहा कि बच्चों को समग्र शिक्षा के तहत पढ़ाई के साथ-साथ खेल, चित्रकला, कृषि और व्यावसायिक शिक्षा जैसी गतिविधियों में भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए, हर महीने के एक दिन बिना बस्ते के स्कूल जाने की व्यवस्था की गई है, ताकि बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से भी संतुलित रूप से बढ़ने का मौका मिल सके। डॉ. रावत ने कहा कि विदेशों में बच्चों को खुशनुमा माहौल में पढ़ाई की सुविधा मिलती है, और हमें भी अपने बच्चों के लिए ऐसा ही माहौल बनाने की आवश्यकता है। बस्ता रहित दिवस इस दिशा में एक सकारात्मक कदम होगा, जिससे बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर तरीके से हो सके। कार्यक्रम में शिक्षा सचिव रविनाथ रामन, महानिदेशक झरना कमठान, मिशन निदेशक एनएचएम स्वाति भदौरिया, डाॅ. मुकुल सती और विभिन्न निजी स्कूलों के प्रबंधक व बोर्ड के अधिकारी उपस्थित थे।

आईसीएससी बोर्ड को दो महीने का दिया समय..
अब प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों में बस्ते का वजन डेढ़ किलो से लेकर पांच किलोग्राम तक सीमित होगा। यह व्यवस्था अभी से लागू होगी, और केवल आईसीएससी बोर्ड के स्कूलों को इस बदलाव के लिए दो महीने का समय दिया गया है। जुलाई से इस बोर्ड के स्कूलों को भी नए मानक के अनुसार बस्ते का वजन कम करना होगा। प्रदेश में कक्षा एक से दो के बच्चों का वजन डेढ़ किलो, कक्षा तीन से चार का वजन दो से चार किलो, कक्षा छह से आठवीं के बच्चों के बस्ते का वजन चार किलो, आठ से नौंवी का चार से पांच किलो और कक्षा 10 वीं बच्चों के बस्ते का वजन पांच किलोग्राम से अधिक नहीं होगा।

प्रदेश में शुरू होगी टीचिंग शेयरिंग व्यवस्था..

शिक्षा मंत्री का कहना हैं कि अब सरकारी और निजी स्कूलों में टीचिंग शेयरिंग व्यवस्था लागू होगी, जिसके तहत एक बोर्ड के शिक्षक दूसरे बोर्ड के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाएंगे। यह पहल शिक्षकों के ज्ञान का आदान-प्रदान करने और बच्चों को विविध शैक्षिक पद्धतियों से परिचित कराने के उद्देश्य से की गई है। इससे बच्चों को सार्वजनिक और निजी स्कूलों में समान शैक्षिक अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही पुस्तकालय को लेकर भी समान व्यवस्था लागू की जाएगी, जिसमें एक स्कूल का पुस्तकालय दूसरे स्कूल के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध होगा। यह कदम छात्रों के पढ़ाई के संसाधनों में वृद्धि करेगा और उन्हें अधिक पुस्तकों का लाभ मिलेगा। ब्लॉक, जिला व राज्यस्तर पर नामित नोडल अधिकारी इसकी निगरानी करेंगे।