
बद्रीनाथ यात्रा को लेकर जानिए ये बड़ा अपडेट..
उत्तराखंड: जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग में दरारें आ जाने के कारण अप्रैल में शुरू होने वाली बद्रीनाथ यात्रा लेकर सरकार असमंजस की स्थिति में है। इस परिस्थिति में तकनीकी संस्थानों की अंतिम रिपोर्ट का बेताबी से प्रतीक्षा की जा रही है। ताकि रिपोर्ट प्रतिकूल रहने की स्थिति में वैकल्पिक समाधान पर विचार किया जा सके।
बद्रीनाथ नेशनल हाईवे में ऐसे कई इलाके हैं जहां दरारें आ गई हैं। पिछले साल लगभग 17.5 लाख तीर्थयात्रियों ने हजारों वाहनों इसी मार्ग से गुजरे थे। यह रूट अपनी मौजूदा स्थिति में इतना लोड नहीं झेल पाएगा। अभी तक इस संबंध में कोई औपचारिक रिपोर्ट जारी नहीं की गई है। सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यात्रा पुराने रूट जोशीमठ से ही होगी। सरकार ने भरोसा दिया है कि यात्रियों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
तीन से चार हफ्ते में आ जाएगी रिपोर्ट
सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारवार्ता में सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा ने कहा कि बदरीनाथ हाईवे पर भी कुछ स्थानों पर दरारें आई हैं, पर अच्छी बात यह है कि उनमें बढ़ोतरी नहीं हो रही है। सड़क के पूरी तरह से धंसने की संभावना के बारे में उनका कहना हैं कि तकनीकी संस्थानों से अंतिम आकलन अभी बाकी है। रिपोर्ट सही नहीं आने पर अन्य विकल्पों पर विचार किया जाएगा।
तीन से चार सप्ताह में रिपोर्ट तैयार हो जाएगी। वही सचिव आपदा प्रबंधन का कहना हैं कि जरूरत पड़ने पर भराड़ीसैंण विधानसभा के एमएलए और ऑफिसर्श हॉस्टलों में विस्थापितों के रहने की व्यवस्था का विकल्प खुला रखा गया है। यहां करीब 150 से 200 परिवारों को शिफ्ट किया जा सकता है।
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