शीतकाल के लिए बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रियाएं शुरू..
आज गणेश मंदिर के द्वार होंगे बंद..
उत्तराखंड: बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रियाएं आज 14 नवंबर से शुरू हो जाएंगी। मंगलवार को धार्मिक परंपरा के अनुसार, पूजा-अर्चना और भोग लगने के बाद धाम परिसर में स्थित भगवान गणेश मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। जबकि बद्रीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को अपराह्न 3 बजकर 33 मिनट पर बंंद किए जाएंगे।
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ का कहना हैं कि गणेश मंदिर बंद होने के बाद 15 नवंबर को आदिकेदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे। इससे पूर्व आदिकेदारेश्वर भगवान को पके चावलों का भोग लगाया जाएगा। 16 को खड़क पुस्तकों को गर्भगृह में रखा जाएगा और इसी के साथ बद्रीनाथ धाम में वेद ऋचाओं का वाचन छह माह के लिए बंद हो जाएगा।
17 नवंबर को धाम परिसर में स्थित लक्ष्मी मंदिर में कढ़ाई भोग का आयोजन होगा और 18 नवंबर को मां लक्ष्मी की प्रतिमा को बद्रीनाथ गर्भगृह में विराजमान कर गर्भगृह से कुबेर जी, गरुड़ जी और उद्धव जी की प्रतिमा को बाहर लाकर उत्सव डोली में रखा जाएगा। इसके बाद अपराह्न 3 बजकर 33 मिनट पर बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंंगे।
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