तबाही के बीच उम्मीद की किरण, धराली में सेना-आईटीबीपी ने संभाला राहत अभियान, हर मोर्चे पर डटे जवान..
उत्तराखंड: उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने से मची तबाही के बाद चारों ओर सिर्फ मलबा, टूटे मकान और दर्द की आवाजें सुनाई दे रही हैं। लेकिन इस संकट की घड़ी में भारतीय सेना और आईटीबीपी (ITBP) के जवानों ने राहत और बचाव अभियान की कमान संभाल ली है। धराली गांव के सभी प्रमुख सड़क मार्ग बंद हो चुके हैं, लेकिन सेना और ITBP के जवान 25 फीट ऊंचे मलबे को पार कर 200 ग्रामीणों तक राहत पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। राहत कार्य के तहत स्थाई मार्ग की अनुपलब्धता को देखते हुए जवान अस्थाई पुल बनाने में जुट गए हैं। भारतीय सेना की टुकड़ियां और ITBP की टीमें लगातार मलबा हटाने, रास्ता बनाने और ग्रामीणों तक आवश्यक सामग्री पहुंचाने का कार्य कर रही हैं। राहत अभियान में सेना की पूरी ताकत झोंक दी गई है। आपदा के तुरंत बाद जब चारों ओर चीख-पुकार और अराजकता का माहौल था, तब सेना ने मौके पर पहुंचकर लोगों के दिल में उम्मीद की किरण जगाई। सेना और ITBP के जवानों की सूझबूझ और साहस ने लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार और सुरक्षाबल उनके साथ खड़े हैं।
उत्तरकाशी की आपदा में सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें दिन-रात राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। मलबे के नीचे दबी जिंदगियों को बचाने के लिए जवानों का संघर्ष लगातार जारी है। हर मिनट की स्थिति पर आपदा नियंत्रण कक्ष (Disaster Control Room) से निगरानी रखी जा रही है और सभी एजेंसियों के बीच समन्वय बना हुआ है। सेना, ITBP और NDRF की टीमें आधुनिक उपकरणों के साथ मलबा हटाने और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटी हैं। आपदा क्षेत्र में राहत सामग्री पहुंचाना, प्राथमिक उपचार देना और रास्ते बनाना प्राथमिकता में है। जवानों की तत्परता और मानवीय संवेदनशीलता ने संकट की घड़ी में लोगों को उम्मीद दी है।

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