
चारधाम यात्रा- चुनौतियों के बावजूद आस्था का सैलाब, अब तक 41 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा में प्राकृतिक चुनौतियां भी श्रद्धालुओं की आस्था को नहीं डिगा सकीं। चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या ने इस बार एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 30 अप्रैल से 27 जुलाई तक बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब में दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 41 लाख को पार कर चुकी है। यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। बता दे कि चारधाम यात्रा की शुरुआत इस वर्ष 30 अप्रैल से हुई थी। शुरुआत से ही बारिश, बर्फबारी और भूस्खलन जैसी मौसमीय चुनौतियों ने यात्रा मार्गों में बाधाएं डालीं, बावजूद इसके श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई। खासकर केदारनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा के दौरान कई बार मौसम ने तीव्र रूप से परीक्षा ली, लेकिन श्रद्धालु हर बाधा को पार कर धामों तक पहुंचे। इससे यह स्पष्ट होता है कि धार्मिक आस्था के आगे विपरीत परिस्थितियां भी मायने नहीं रखतीं। पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, और प्रशासन की ओर से सुविधाओं व सुरक्षा के सभी जरूरी प्रबंध किए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में यह आंकड़ा और बढ़ने की उम्मीद है।
चारधाम यात्रा इस वर्ष व्यवस्थित रूप से जारी है और श्रद्धालुओं का उत्साह भी चरम पर बना हुआ है। यात्रा पंजीकरण के नोडल अधिकारी योगेंद्र गंगवार ने जानकारी दी कि प्रतिदिन दो हजार से अधिक श्रद्धालु ऑफलाइन पंजीकरण करवा रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि आस्था के इस महासंगम में लोगों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। हरिद्वार, ऋषिकेश, हरबर्टपुर और विकासनगर में स्थापित पंजीकरण केंद्रों पर तीर्थयात्रियों को ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा दी जा रही है। ये केंद्र यात्रा मार्ग में प्रमुख स्थानों पर बनाए गए हैं ताकि दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं को पंजीकरण में कोई परेशानी न हो। योगेंद्र गंगवार ने कहा कि यात्रा पूरी तरह सुचारू रूप से संचालित हो रही है और प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और मार्गदर्शन हेतु सभी जरूरी प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं। ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन पंजीकरण का विकल्प भी श्रद्धालुओं के लिए राहत भरा साबित हो रहा है। वर्तमान में चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या निरंतर बढ़ रही है और प्रशासन इसकी निगरानी के साथ-साथ उनकी हरसंभव सहायता के लिए तत्पर है।
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