October 19, 2024

उत्तरकाशी टनल हादसे ने ताजा की ऋषिगंगा आपदा की यादें..

उत्तरकाशी टनल हादसे ने ताजा की ऋषिगंगा आपदा की यादें..

सुरंग के अंदर कई मजदूरों ने गंवाई थी जान..

 

 

 

उत्तराखंड: उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में हुए भूस्खलन के बाद बचाव अभियान दूसरे दिन भी जारी है। बचाव दल की टीम ने 40 फीसद मलबा हटा दिया है। जबकि 50 मीटर का दायरा अब भी बाकी है। उत्तरकाशी में हुए हादसे के सालों बाद ऋषिगंगा आपदा की यादें ताजा हो गई है। मौके पर मौजूद NDRF के DIG गम्भीर सिंह चौहान ने बताया कि टनल में फंसे मजदूर बचाव टीम के संपर्क में हैं। राहत बचाव कार्य 24 घंटे चल रहा है। उन्होंने बताया कि बचाव टीम ने 40 फीसद मलबा हटा दिया है। जबकि 50 मीटर का दायरा अब भी बाकी है। संभावना जताई जा रही है कि आज रात या कल सुबह तक रेस्क्यू टीम टनल के अंदर फंसे मजदूरों तक पहुंच पाएगी।

ऋषि गंगा में आई आपदा के घाव हुए हरे..
उत्तरकाशी टनल हादसे ने चमोली के जोशीमठ ऋषि गंगा में आई आपदा के घाव हरे कर दिए हैं। कुछ ही महीने बाद चमोली आपदा को तीन साल बीत जाएंगे। इस आपदा ने चमोली में भारी तबाही मचाई थी। जिसके घाव आज भी हरे हैं। अभी भी इस तबाही में कई लोग लापता हैं। सात फरवरी 2021 को रैणी गांव में भीषण आपदा आई थी। आपदा ने उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया था। आज भी इस आपदा की याद आती है तो आपदा प्रभावितों के साथ ही प्रत्यक्षदर्शियों की रूह कांप जाती है। कैसे चटख धूप साफ सुहावने मौसम में प्रकृति का खौफनाक चेहरा सामने आया था। ऋषि गंगा में रैंठी ग्लेशियर टूटने से जल प्रलय ने तबाही मचाई थी।

सामने देखा था लोगों ने मौत का मंजर..
ऋषिगंगा ग्लेशियर के टूटने से आई बाढ़ पर सवार होकर आई मौत रैणी और तपोवन के बीच करीब एक घंटे तक नाचती रही। पहले ऋषिगंगा और फिर धौली गंगा में उफान मारती लहरों ने किसी को बचने का मौका नहीं दिया। जो भी चपेट में आया सैलाब उसे अपने साथ बहा कर ले गया।

13 मेगावाट की ऋषि गंगा जल विद्वुत परियोजना का नामोनिशान भी मिट गया था। जबकि सरकार ने आपदा में 206 लोगों को मृत्यु प्रमाण पत्र दिए थे। इसमें ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट में काम करने वाले कई कर्मचारियों और मजदूरों की मौत हो गई थी। कई अब भी लापता हैं।सेना, ITBP, NDRF और SDRF के द्वारा टनल के अंदर रेस्क्यू चलाकर कई शवों को बरामद किया गया था। अभी भी टनल के अंदर जैसे-जैसे मलबा साफ हो रहा है। वैसे-वैसे मलबे के अंदर शव मिल रहे हैं। उस भयानक मंजर को जिसने भी देखा वो आज तक उसको भूल नहीं पाया।