November 22, 2024

विधानसभा सत्र- सदन के बाहर विपक्ष का हंगामा..

विधानसभा सत्र- सदन के बाहर विपक्ष का हंगामा..

 

 

उत्तराखंड: राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह (सेनि.) के अभिभाषण के साथ ही आज सोमवार से विधानसभा के बजट सत्र विधिवत रूप से शुरू हो गया
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह को विधानसभा पहुंचने पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। दूसरी ओर कांग्रेस ने सदन के बाहर धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। बता दे कि परीक्षाओं में धांधली, महंगाई और अंकिता हत्याकांड को लेकर कांग्रेस के विधायक विधानसभा भवन के मुख्य गेट के सामने प्रदर्शन कर नारेबाजी कर रहे हैं। सत्र के लिए सत्ता और विपक्ष के कई विधायक भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में पहुंच गए हैं।

बजट में झलकता है सरकार का विजन: सीएम..

सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना हैं कि यह बजट राज्य के लिए सरकार के विजन को दर्शाता है। हमें उम्मीद है कि सभी नेता राज्य को आगे बढ़ाने के लिए अपनी भूमिका निभाएगा। भराड़ीसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी में आज से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान सीएम धामी, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और ऋतु भूषण खंडूरी सभी अपनी-अपनी परीक्षाओं से गुजरेंगे।

इस बार करीब आठ महीने बाद सत्र हो रहा है। इन तीनों राजनीतिक दिग्गजों ने इस दौरान अपने-अपने किस्म की राजकाज से लेकर सियासी उलटबासी देखी हैं। बता दे कि सीएम धामी के सामने उनकी सरकार को विपक्ष के हमले से बचाने की चुनौती है। उन्हें रोजगार, भर्ती घोटाला और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर न सिर्फ विपक्ष के प्रश्नों के उत्तर देने हैं बल्कि विपक्षी हमलों का नाकाम करने का दबाव भी उन पर रहेगा।

आज आ सकता है राज्य आंदोनकारियों को नौकरी में आरक्षण देने का प्रस्ताव..

गैरसैंण में आज कैबिनेट की बैठक के दौरान राज्य के आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने का सुझाव हो सकता है।मंजूरी के लिए दूसरी बार राजभवन भेजने पर इसे मंजूर किया जाना राजभवन की सांविधानिक बाध्यता होगी। 2011 से राज्य आंदोलनकारी रोजगार में 10% क्षैतिज आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस बिल को पहले ही राजभवन की मंजूरी के लिए भेज दिया गया था, लेकिन राजभवन की ओर से कुछ आपत्ति के बाद इसे वापस लौटा दिया गया।

उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष रवींद्र जुगरान का कहना है कि उन्होंने इस मामले में मंत्री और सब कमेटी के चेयरमैन सुबोध उनियाल से बात की। मंत्री ने वादा किया कि इस सत्र के दौरान प्रभावी उपाय किए जाएंगे। जुगरान के अनुसार पिछले 11 वर्षों में हजारों की संख्या में जो भर्ती परीक्षाएं हुईं उनमें आंदोलनकारी क्षैतिज आरक्षण कोटे से एक भी भर्ती नहीं हो पाई है। जुगरान का कहना कि शहीदों के आश्रितों, गोलीकांड में घायल आंदोलनकारियों, जेल गए आंदोलनकारियों और सक्रिय आंदोलनकारियों के आश्रितों को यह सम्मान मिलना चाहिए था, लेकिन उन्हें नहीं मिला।