टनल को पूरा करने में लगा 521 दिन का समय..
125 किमी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर पहली बार हुई सुरंग आर-पार..
रुद्रप्रयाग। पहाड़ के लोगों का रेल देखने का सपना जल्द ही पूरा होने वाला है। इसी कड़ी में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग 125 किमी लंबी रेलवे लाइन पर पहली बार दो किमी सुरंग आर-पार हुई है। यह सुरंग नरकोटा और खांखरा के बीच में बनाई जा रही है। पहाड़ की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बीच इस टनल का निर्माण कार्य किया गया है। टनल का कार्य कर रही कार्यदायी संस्था मैक्स इंफ्रा इंडिया लिमिटेड को एडिट 6 ए के पैकेज 7 ए की इस टनल को आर-पार करने में एक साल से भी कम समय लगा है। मंगलवार सुबह ब्लास्टिंग के बाद टनल आर-पार हुई और मैक्स कंपनी की ओर से मजदूर, कर्मचारी और अधिकारियों के लिए समोराह का आयोजन किया गया।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर काफी तेज गति से कार्य चल रहा है। जो कार्यदायी संस्थाएं रेल लाइन का कार्य कर रही हैं, उनके अनुसार 2024 तक रेल लाइन का कार्य पूर्ण होना है। पहाड़ में रेल लाइन का निर्माण कार्य आसान नहीं है। तमाम प्रकार की आपदाओं के कारण यहां रेल लाइन निर्माण में दिक्कतें आ सकती हैं। यही कारण है कि अधिकांश जगहों पर रेल लाइन टनल के भीतर से होकर गुजरेंगी। इसी कड़ी में रुद्रप्रयाग से सात किमी दूर नरकोटा और खांखरा के बीच लगभग दो किमी रेल लाइन टनल आर-पार हो गई है। एडिट 6 ए के पैकेज 7 ए की इस टनल को आर-पार होने में 521 दिन का समय लगा है।
यहां पर इस टनल का कार्य मैक्स इंफ्रा इंडिया लिमिटेड कार्यदायी संस्था कर रही है। समारोह में आरवीएनएल के एडिट 6 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुरेन्द्र कुमार आर्य ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का यह पहला ब्रेक थ्रू हुआ है। इसमें एक साल से भी कम समय लगा है। टनल का निर्माण कार्य कर रही मैक्स कार्यदायी संस्था के जनरल मैनेजर राजेश कुमार ने बताया कि एडिट 6 ए के पैकेज 7 ए की लगभग दो किमी लंबी टनल का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है, जो कि बेहद खुशी की बात है।
उन्होंने बताया कि इस कार्य में लगभग पांच सौ मजदूर लगे हुए हैं। मैक्स कंपनी के एचआर लाइजनर संजय पाठक ने बताया कि रिकार्ड टाइम में यह कार्य सेफ्टी के साथ पूरा किया गया है। टनल निर्माण में मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा, मगर पूरी टीम ने रात-दिन मेहनत करके यह कार्य पूरा किया है। दो-दो शिफ्टों में कार्य किया गया। टनल आर-पार हो गई है, जिसके बाद सभी में खुशी बनी हुई है।
दरअसल, पहाड़ के लोग वर्षों से रेल देखने का सपना देख रहे हैं।
पहाड़ में रेल आती है तो यहां के तीर्थाटन के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। रेल लाइन का कार्य कर रही कार्यदायी संस्था मैक्स के अधिकारियों की माने तो विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बीच कार्य करने में काफी दिक्कतें आई हैं, लेकिन फिर भी कार्य समय पर पूर्ण किया जा रहा है। वर्ष 2024 तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। कार्यदायी संस्था के अधिकारी-कर्मचारियों अलावा स्थानीय जनता भी टनल का निर्माण होने पर खुशी जता रहे हैं।
स्थानीय निवासी नरेन्द्र ममगांई एवं सुरेन्द्र भट्ट ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन में यह पहला ब्रेक थू्र हुआ है, जिससे पहाड़ में जल्द ही रेल की छुकछुक सुनने की उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा कि रेल टनल से नरकोटा से खांकरा आर-पार हो चुका है और इस मौके पर मैक्स कंपनी की ओर से आयोजित समारोह में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भी भागीदारी करते हुए खुशी जताई है।
इस मौके पर आरवीएनएल के सीनियर लाइजनर विजय डंगवाल, मैक्स कंपनी के जीएम विनय खेतरपाल, पी कुमार, सीईओ वीएस चैहान, एचआर आर भंडारी, एजीएम संजय कुमार, डीजीएम संदीप जैन, एजीएम राजेश राय सहित अन्य मौजूद थे।
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