December 29, 2025

नए साल में ऋषिकेश को विकास की सौगात, फरवरी तक खुलेगा बजरंग सेतु..

नए साल में ऋषिकेश को विकास की सौगात, फरवरी तक खुलेगा बजरंग सेतु..

 

 

उत्तराखंड: नए साल के अवसर पर ऋषिकेश वासियों के साथ-साथ देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। गंगा नदी पर लंबे समय से निर्माणाधीन बजरंग सेतु को आमजन के लिए खोलने की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। यह आधुनिक कांच का पुल न केवल यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी ऋषिकेश के लिए एक नई पहचान बनेगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार बजरंग सेतु का निर्माण कार्य अब अपने अंतिम चरण में है। लोक निर्माण विभाग (PWD) से जुड़े अधिकारियों को पुल का कार्य 26 जनवरी तक पूरा करने की डेडलाइन दी गई है। विभाग का दावा है कि यदि सब कुछ तय समय के अनुसार रहा, तो गणतंत्र दिवस के आसपास इस पुल को आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। हालांकि किसी तकनीकी कारणवश यदि थोड़ा विलंब होता है, तो भी जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी के प्रथम सप्ताह तक इसे जनता के लिए खोल दिया जाएगा।

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2026 की शुरुआत में बजरंग सेतु पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा और इसे विधिवत रूप से जनता को समर्पित किया जाएगा। पुल की डिजाइन आधुनिक तकनीक पर आधारित है और इसमें सुरक्षा के सभी मानकों का विशेष ध्यान रखा गया है। बजरंग सेतु के खुलने से ऋषिकेश आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके साथ ही स्थानीय लोगों के लिए भी आवागमन काफी आसान हो जाएगा। फिलहाल क्षेत्र में बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए इस पुल की मांग लंबे समय से की जा रही थी, जिसे अब पूरा किया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बजरंग सेतु के शुरू होने से न केवल ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी, बल्कि पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। खासतौर पर चारधाम यात्रा, गंगा स्नान और साहसिक पर्यटन के लिए आने वाले पर्यटकों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। कुल मिलाकर बजरंग सेतु ऋषिकेश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा और नए साल में शहर को विकास की नई सौगात देगा।

ऋषिकेश में स्थित ऐतिहासिक लक्ष्मण झूला पुल, जिसका निर्माण वर्ष 1929 में हुआ था, समय के साथ काफी जर्जर हो गया था। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने वर्ष 2019 में इस पुल को आम आवाजाही के लिए बंद कर दिया। लक्ष्मण झूला के बंद होने के बाद से ही क्षेत्र में एक वैकल्पिक पुल की लंबे समय से आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इसी आवश्यकता को देखते हुए गंगा नदी पर बजरंग सेतु के निर्माण की योजना बनाई गई और कार्य शुरू किया गया। अब यह बहुप्रतीक्षित परियोजना अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। अधिकारियों के अनुसार बजरंग सेतु का स्ट्रक्चर पार्ट पूरी तरह तैयार हो चुका है और पुल पर डेक ग्लास भी सफलतापूर्वक लगाए जा चुके हैं। वर्तमान में पुल पर एफआरपी (फाइबर रिइनफोर्स्ड प्लास्टिक) का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है।

कुल लगभग 2400 स्क्वायर मीटर क्षेत्र में एफआरपी लगाया जाना है, जिसमें से 1200 स्क्वायर मीटर का कार्य पूरा कर लिया गया है। शेष कार्य भी तेजी से किया जा रहा है और जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा। बजरंग सेतु के निर्माण से लक्ष्मण झूला क्षेत्र में वर्षों से चली आ रही आवागमन की समस्या का समाधान होगा। यह पुल न केवल श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए सुरक्षित और आधुनिक विकल्प प्रदान करेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी दैनिक आवाजाही को सुगम बनाएगा। प्रशासन का कहना है कि सभी सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए निर्माण कार्य किया जा रहा है, ताकि पुल को लंबे समय तक सुरक्षित रूप से उपयोग में लाया जा सके। बजरंग सेतु के शुरू होने से ऋषिकेश को पर्यटन और आधारभूत संरचना के क्षेत्र में एक नई पहचान मिलने की उम्मीद है।

गंगा नदी पर निर्माणाधीन बजरंग सेतु अपने आधुनिक स्वरूप और अनूठी तकनीक के कारण लोगों के बीच खासा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। करीब 132 मीटर लंबा यह पुल लगभग 68 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। यह एक अत्याधुनिक सस्पेंशन ब्रिज है, जिसकी सबसे बड़ी विशेषता इसका कांच का डेक है। कांच के डेक से होकर गंगा नदी के ऊपर से गुजरना श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक बिल्कुल नया और रोमांचक अनुभव होगा। यही वजह है कि बजरंग सेतु को लेकर स्थानीय लोगों के साथ-साथ देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों में भी खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। भौगोलिक रूप से यह पुल ऋषिकेश क्षेत्र में स्थित है, लेकिन प्रशासनिक दृष्टि से यह टिहरी और पौड़ी जिलों को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा।

इसके शुरू होने से दोनों जिलों के बीच आवागमन सुगम होगा और यात्रा समय में भी कमी आएगी। पुल को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए इसमें अलग-अलग रंगों की सजावटी लाइटें लगाने की योजना है, जिससे रात के समय यह पुल बेहद मनोहारी नजर आएगा। वहीं यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुल पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे, ताकि हर गतिविधि पर निगरानी रखी जा सके। बता दे कि उत्तराखंड में इस तरह का यह पहला आधुनिक कांच का पुल है, जिसे नई तकनीक और उच्च सुरक्षा मानकों के साथ तैयार किया गया है। बजरंग सेतु के खुलने से न केवल यातायात व्यवस्था को नई दिशा मिलेगी, बल्कि ऋषिकेश की पर्यटन पहचान को भी एक नई ऊंचाई मिलने की पूरी उम्मीद है।