October 23, 2025

मां यमुना मंदिर के कपाट छह माह के लिए बंद, उत्सव डोली धाम से प्रस्थान..

मां यमुना मंदिर के कपाट छह माह के लिए बंद, उत्सव डोली धाम से प्रस्थान..

 

 

 

उत्तराखंड: भाईदूज के पावन अवसर पर आज यमुनोत्री धाम में मां यमुना मंदिर के कपाट छह माह के लिए बंद कर दिए गए। मंदिर के विशेष कार्यक्रम और पूजा-अर्चना के बाद मां यमुना की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव के लिए रवाना हुई। अब श्रद्धालु आगामी छह माह तक मां यमुना के दर्शन खरसाली गांव में ही कर सकेंगे। यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल, सचिव सुनील उनियाल और कोषाध्यक्ष प्रदीप उनियाल ने कहा कि विशेष पूजाओं के बाद दोपहर 12:30 बजे मंदिर के कपाट शीतकालीन बंद किए गए। इससे पहले सुबह करीब 8 बजे खरसाली गांव से यमुनोत्री के भाई शनिदेव महाराज की डोली वाद्य यंत्रों और जयघोष के बीच धाम के लिए रवाना हुई थी। यमुनोत्री मंदिर में शीतकालीन बंद होने के बाद मां यमुना की डोली खरसाली गांव में स्थापित की जाएगी। श्रद्धालु अब इसी स्थान पर मां यमुना के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे।

यमुनोत्री धाम में आज मां यमुना मंदिर के कपाट छह माह के लिए बंद कर दिए गए। डोली प्रस्थान के अवसर पर शनिदेव महाराज यमुना नदी में स्नान कर अपनी बहन यमुना माता के साथ विशेष पूजा-अर्चना में शामिल हुए। इसके बाद मंदिर के कपाट विधिविधान के साथ बंद किए गए और मां यमुना की उत्सव डोली अपने मायके खरसाली गांव के लिए रवाना हुई। अब श्रद्धालु आगामी छह माह तक मां यमुना के दर्शन खरसाली गांव में कर सकेंगे। इसी तरह गंगोत्री धाम में मां गंगा मंदिर के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद किए गए। विधिविधान के अनुसार अभिजीत मुहूर्त में पूर्वाह्न 11:36 बजे मंदिर के कपाट बंद किए गए। इसके साथ ही मां गंगा की उत्सव डोली और भोगमूर्ति छह माह तक मुखबा गांव में ही प्रवास करेंगी। इस वर्ष गंगोत्री धाम में अब तक 758,249 श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन किए हैं। मंदिर समिति के अनुसार शीतकालीन बंदी के दौरान भी धाम की व्यवस्थाएं पूरी तरह सुरक्षित रहेंगी और अगले गर्मियों में पुनः मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। यमुनोत्री और गंगोत्री मंदिरों की यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। डोली प्रस्थान और कपाट बंद होना श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह आयोजन श्रद्धा, भक्ति और पर्व परंपरा को जीवित रखने का प्रतीक है।