October 22, 2025

उत्तराखंड में होगी आयुष टेली-परामर्श सेवाओं की शुरुआत, सीएम धामी बोले- वैलनेस केंद्र करेंगे स्थापित..

उत्तराखंड में होगी आयुष टेली-परामर्श सेवाओं की शुरुआत, सीएम धामी बोले- वैलनेस केंद्र करेंगे स्थापित..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में आयुष और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को नई दिशा देने की तैयारी शुरू हो गई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार आने वाले वर्षों में आयुष टेली-परामर्श सेवाओं की शुरुआत करने जा रही है। इसके साथ ही प्रदेशभर में 50 नए योग और वैलनेस केंद्र स्थापित किए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक लोग आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के लाभों से जुड़ सकें। सीएम धामी ने यह घोषणा माला ग्राम (यमकेश्वर) में आयोजित पहले धन्वंतरी महोत्सव को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए की। उन्होंने कहा कि माला ग्राम में स्थापित ‘हर्बल वर्ल्ड हिमालय श्री धन्वंतरि धाम’ न केवल उत्तराखंड, बल्कि पूरे विश्व के लिए आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का अद्वितीय समग्र केंद्र बनने जा रहा है। सीएम धामी ने कहा कि यह धाम भारत की आरोग्य संस्कृति का जीवंत स्वरूप होगा, जहां हमारे महान ऋषि-मुनियों द्वारा स्थापित स्वास्थ्य सिद्धांतों के साथ-साथ वनस्पति विज्ञान आधारित नौ प्रमुख चिकित्सा पद्धतियों और विश्व की 964 चिकित्सा विधाओं का संगम देखने को मिलेगा।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि उत्तराखंड को वैश्विक वेलनेस और आयुर्वेद हब के रूप में विकसित किया जाए। आने वाले वर्षों में आयुष टेली-परामर्श और योग केंद्रों के माध्यम से ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी लोगों को सुलभ चिकित्सा परामर्श और प्राकृतिक उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में उत्तराखंड तेजी से कार्य कर रहा है और धन्वंतरि धाम इस दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। सीएम ने विश्वास व्यक्त किया कि यह पवित्र स्थल आयुर्वेद, योग, औषधीय वनस्पतियों और समग्र स्वास्थ्य के क्षेत्र में उपयोगी होने के साथ ही प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में नवाचार, अनुसंधान और प्रशिक्षण को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद विश्व की एक ऐसी विशिष्ट चिकित्सा प्रणाली है, जो प्राचीन काल से ही मानव सभ्यता का आरोग्य सुनिश्चित करती आ रही है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार आयुर्वेद और आयुष चिकित्सा प्रणाली के प्रचार-प्रसार के लिए लगातार ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 300 से अधिक आयुष्मान आरोग्य केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आमजन को पारंपरिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि हर जिले में 50 और 10 बेड वाले आयुष चिकित्सालयों की स्थापना की जा रही है, ताकि लोगों को आधुनिक सुविधाओं के साथ आयुष आधारित उपचार आसानी से मिल सके। उन्होंने बताया कि प्रदेश में आयुष नीति लागू की जा चुकी है, जिसके तहत औषधि निर्माण, वैलनेस, शिक्षा, शोध और औषधीय पौधों के उत्पादन एवं संवर्धन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सरकार ने योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शोध को प्रोत्साहित करने के लिए 10 लाख रुपये तक के अनुदान की व्यवस्था की है। इसके साथ ही आयुर्वेदिक, प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में एक-एक ‘स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन’ की स्थापना की जा रही है। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड की प्राकृतिक विरासत और औषधीय संपदा इसे आयुर्वेद और वेलनेस की राजधानी बनाने की क्षमता देती है। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में राज्य को वैश्विक आयुष केंद्र के रूप में स्थापित किया जाए, जहां पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक तकनीक का संगम देखने को मिले।