
उपनल के माध्यम से हरियाणा, दिल्ली समेत चार राज्यों में पूर्व सैनिकों को रोजगार का मौका..
उत्तराखंड: पूर्व सैनिकों के लिए रोजगार के नए अवसरों का दायरा और भी विस्तृत हो गया है। अब उत्तराखंड के साथ ही हरियाणा, दिल्ली, मणिपुर और पश्चिम बंगाल में भी पूर्व सैनिक उपनल (उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड) के माध्यम से नौकरियां पा सकेंगे। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी का कहना हैं कि इन राज्यों के साथ विशेष अनुबंध (MoU) किया गया है, जिससे हजारों पूर्व सैनिकों को सम्मानजनक रोजगार उपलब्ध होगा। सैनिक कल्याण मंत्री का कहना है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर पूर्व सैनिकों के हितों के लिए लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में उपनल की भूमिका को और मजबूत किया गया है।
बैठक के दौरान उपनल के प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर जेएनएस बिष्ट (सेनि) ने जानकारी दी कि डायरेक्टोरेट जनरल रीसैटलमेंट (DGR) की ओर से नए अनुबंधों को स्वीकृति मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि विदेशों में भी पूर्व सैनिकों के लिए नौकरी का रास्ता खोलने की तैयारी चल रही है। जल्द ही इस दिशा में ठोस पहल की जाएगी, जिससे भारतीय पूर्व सैनिकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी रोजगार के अवसर मिल सकें। आपको बता दे कि उपनल के माध्यम से अब तक बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों को सरकारी व निजी संस्थानों में नियुक्तियां मिल चुकी हैं। नए राज्यों में अनुबंध के बाद रोजगार का यह दायरा और भी विस्तृत होगा। इससे न केवल पूर्व सैनिकों की आजीविका को मजबूती मिलेगी, बल्कि उन्हें समाज और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान करने का अवसर भी मिलेगा।
मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित योजना के तहत 50 प्रतिशत पूर्व सैनिकों को और 50 प्रतिशत गैर सैनिक पृष्ठभूमि के युवाओं को विदेशों में रोजगार का अवसर मिलेगा। सैनिक कल्याण मंत्री ने जानकारी दी कि उपनल (उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड) का अब तक 15 राज्यों के साथ इस तरह का अनुबंध हो चुका है। इनमें हरियाणा, दिल्ली, मणिपुर और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य भी शामिल हैं।
इन अनुबंधों के माध्यम से उपनल को 18 प्रतिशत जीएसटी का लाभ मिलेगा, जिससे संगठन और अधिक मजबूत होगा और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। उपनल के प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर जेएनएस बिष्ट (सेनि) ने कहा कि संगठन का उद्देश्य केवल राज्य या देश तक सीमित नहीं है, बल्कि विदेशों में भी पूर्व सैनिकों और अन्य युवाओं को सम्मानजनक नौकरी दिलाना है। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय से मंजूरी मिलते ही इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। सरकार का मानना है कि यह पहल न केवल पूर्व सैनिकों की आजीविका को सुरक्षित और सशक्त बनाएगी, बल्कि उन्हें समाज और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान करने का अवसर भी देगी। अभी तक उपनल के माध्यम से हजारों पूर्व सैनिकों को विभिन्न सरकारी और निजी संस्थानों में रोजगार मिल चुका है।
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