September 28, 2025

महक क्रांति नीति को मिली मंजूरी, एरोमा वैली और सेटेलाइट सेंटर से किसानों को बड़ा लाभ..

महक क्रांति नीति को मिली मंजूरी, एरोमा वैली और सेटेलाइट सेंटर से किसानों को बड़ा लाभ..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार ने राज्य की बंजर पड़ी जमीन को संवारने और किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। कैबिनेट ने देश की पहली महक क्रांति (Aroma Revolution) नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति के तहत राज्य में बड़े पैमाने पर सगंध फसलों की खेती को प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार का मानना है कि इस योजना से जहां बंजर भूमि पर हरियाली और खुशबू बिखरेगी, वहीं किसानों को पारंपरिक खेती से हटकर एरोमा खेती करने का अवसर मिलेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि सगंध फसलों को जंगली जानवर और बंदर नुकसान नहीं पहुंचाते, जिससे किसानों को फसल बचाने की चिंता से भी निजात मिलेगी। इस नीति के अंतर्गत उत्तराखंड में एरोमा वैली विकसित की जाएगी। इसके साथ ही सेटेलाइट सेंटर भी स्थापित होंगे, जहां किसानों को तकनीकी सहयोग, प्रशिक्षण और बाजार से जोड़ने की सुविधाएं दी जाएंगी।

सगंध पौधों से बनने वाले तेल, इत्र, औषधि और कॉस्मेटिक उद्योगों की भारी मांग है। सरकार का मानना है कि इस नीति से किसानों को बेहतर बाजार, प्रोसेसिंग यूनिट और निर्यात की सुविधा मिलेगी। इससे उनकी आय में कई गुना वृद्धि होगी। बता दे कि सगंध फसलों में पुदीना, लेमनग्रास, जिरेनियम, रोजमेरी, खस और पलमारोजा जैसे पौधे शामिल हैं। इनसे निकलने वाला तेल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहद महंगा बिकता है। सीएम धामी ने कहा कि महक क्रांति नीति उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार का किसानों को सशक्त बनाने का संकल्प है। इससे पहाड़ की जमीन फिर से उपजाऊ और लाभकारी बनेगी। आने वाले समय में उत्तराखंड देश ही नहीं, दुनिया के लिए एरोमा हब बनकर उभरेगा।

कैबिनेट ने देश की पहली महक क्रांति नीति को मंजूरी दे दी है। यह नीति आगामी 10 वर्षों तक लागू रहेगी और इसके तहत प्रदेश में सगंध फसलों की खेती को व्यापक रूप से बढ़ावा मिलेगा। नीति के अनुसार किसानों को सगंध फसलों की खेती के लिए 50 से 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। अनुमान है कि इस योजना पर कुल 1127 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जबकि राज्य में एरोमा सेक्टर का कारोबार 1050 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। नीति के तहत चमोली व अल्मोड़ा में डेमस्क गुलाब, चंपावत व नैनीताल में दालचीनी, पिथौरागढ़ में तिमूर वैली, हरिद्वार व पौड़ी लैमनग्रास, ऊधमसिंह नगर व हरिद्वार में मिंट वैली विकसित की जाएगी। फिलहाल राज्य में लगभग 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 22 हजार किसान सगंध फसलों की खेती कर रहे हैं। सरकार का मानना है कि नई नीति लागू होने के बाद यह संख्या तेजी से बढ़ेगी और उत्तराखंड देश का एरोमा हब बन सकेगा। महक क्रांति नीति उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई पर ले जाएगी। यह न केवल किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि राज्य को खुशबूदार फसलों का वैश्विक केंद्र बनाने में मदद करेगी।

यहां सेटेलाइट सेंटर..
चंपावत जिले के खतेड़ा में तेजपात, पिथौरागढ़ के बिसाड़ में तिमूर, उत्तरकाशी के रैथल में सुरई, चमोली के परसारी और अल्मोड़ा जिले के ताकुला में डेमस्क गुलाब, देहरादून के भाऊवाला का सेटेलाइट केंद्र बनाने की योजना में तेजी आएगी। महक क्रांति नीति प्रदेश के किसानों के लिए गेमचेंजर साबित होगी। इससे सुगंधित खेती को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही जंगली जानवरों के नुकसान से खेती छोड़ रहे किसानों एरोमा खेती अपनाने से फायदा होगा।