
श्रद्धालुओं के लिए राहत की खबर, चारधाम यात्रा हेलीकॉप्टर सेवा को DGCA की मंजूरी..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत की खबर है। मॉनसून का असर कम होते ही नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने चारधाम के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं को दोबारा शुरू करने की मंजूरी दे दी है। इससे अब श्रद्धालु हवाई मार्ग से सुरक्षित और तेज़ी से धामों के दर्शन कर सकेंगे। नागर विमानन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने इस संबंध में एक रिव्यू मीटिंग की, जिसमें चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं को और अधिक सुरक्षित बनाने पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में तय किया गया कि यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पायलटों और ऑपरेटर कंपनियों को नए दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। इसके साथ ही मौसम की रियल-टाइम मॉनिटरिंग, आधुनिक तकनीकी उपकरणों का उपयोग और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए विशेष प्लान तैयार करने जैसे कदम भी उठाए जा रहे हैं। सरकार का दावा है कि इन व्यवस्थाओं से न केवल श्रद्धालुओं की यात्रा आसान होगी, बल्कि उन्हें और अधिक सुरक्षित अनुभव भी मिलेगा। हर साल लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड पहुंचते हैं और हेली सेवा उनके लिए बेहद अहम मानी जाती है। सेवा के दोबारा शुरू होने से यात्रियों में उत्साह का माहौल है।
मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई कि 13 से 16 सितंबर तक डीजीसीए की विशेष टीम ने चारधाम मार्ग से जुड़े सभी हेलीपैड, हेलीकॉप्टरों और संचालक कंपनियों की तैयारियों का बारीकी से निरीक्षण किया। सुरक्षा मानकों, तकनीकी व्यवस्थाओं और आपातकालीन प्रोटोकॉल की गहन समीक्षा की गई। संतोषजनक रिपोर्ट मिलने के बाद ही हेली सेवाओं को फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई। यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए डीजीसीए ने सभी हेलीकॉप्टर ऑपरेटर कंपनियों और पायलटों को विशेष सुरक्षा दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। इनमें यात्रियों के चढ़ने-उतरने के दौरान की सावधानियां, मौसम की निगरानी, फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम की जांच और आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के उपाय शामिल हैं। बता दे कि हर साल लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आते हैं और हेली सेवा उनके लिए न सिर्फ सुविधाजनक बल्कि सुरक्षित विकल्प भी है। अब सेवाओं की बहाली से श्रद्धालुओं में नई ऊर्जा और उत्साह देखने को मिल रहा है।
मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई कि उत्तराखंड जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में हेलीकॉप्टर सेवा को जीवनरेखा माना जाता है। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को देखते हुए डीजीसीए अब हेली संचालन पर कड़ी निगरानी रखेगा। खासतौर पर मौसम, पायलट की उड़ान योग्यता, और तकनीकी जांच को प्राथमिकता दी जाएगी। बता दे कि इसी साल मई और जून के महीनों में चारधाम सेक्टर में कई हेलीकॉप्टर हादसों की खबरें सामने आई थीं। इन घटनाओं के बाद हेली सेवाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठे थे और यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं में चिंता का माहौल था। अब डीजीसीए की नई सख्ती और बढ़ाए गए सुरक्षा उपायों से इस चिंता को काफी हद तक दूर करने की उम्मीद जताई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। हेली सेवा संचालकों को सख्त प्रोटोकॉल का पालन करना होगा और नियम तोड़ने पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। चारधाम यात्रा में हेली सेवा को लेकर उठाए गए ये कदम न केवल यात्रा को सुरक्षित बनाएंगे, बल्कि श्रद्धालुओं का विश्वास भी दोबारा मजबूत करेंगे।
चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं..
देहरादून के सहस्त्रधारा से यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ तक चार्टर सेवाएं दी जाएंगी।
गुप्तकाशी, फाटा, सीतापुर क्लस्टर से श्री केदारनाथ जी हेलीपैड तक शटल सेवाएं दी जाएंगी।
कुल छह हेलीकॉप्टर संचालक गुप्तकाशी, फाटा, सीतापुर क्लस्टर से हेलिकॉप्टर शटल संचालन करेंगे और सात ऑपरेटर देहरादून (सहस्त्रधारा) से चार्टर उड़ान संचालित करेंगे।
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