August 23, 2025

उत्तराखंड में जर्जर स्कूलों की सुध, सरकार ने जारी किए 20 करोड़ रुपये, बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता..

उत्तराखंड में जर्जर स्कूलों की सुध, सरकार ने जारी किए 20 करोड़ रुपये, बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में स्थित सरकारी स्कूलों की हालत इस समय चिंताजनक बनी हुई है। खासकर बरसात के मौसम में कई स्कूलों की छतों से प्लास्टर टूटकर गिर रहा है, तो कहीं दीवारों और बुनियादों में गहरी दरारें देखी जा रही हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई जान जोखिम में डालकर चल रही है। राज्य के कई स्कूलों को भूकंप, भूस्खलन और भारी बारिश जैसी आपदाओं से भी नुकसान पहुंचा है। स्कूल भवनों की इस खस्ताहाल स्थिति को देखते हुए सरकार ने अब त्वरित कार्रवाई की है। सरकार ने राज्यभर के जर्जर और आपदा प्रभावित स्कूल भवनों के मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की है। यह राशि विशेष रूप से उन स्कूलों के लिए जारी की गई है, जहां बच्चों की सुरक्षा को लेकर तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है। शिक्षा विभाग का कहना है कि जिन स्कूलों में छत या दीवारें गिरने का खतरा है, पहले वहां कार्य शुरू किया जाएगा। साथ ही लोक निर्माण विभाग (PWD) और आपदा प्रबंधन विभाग के साथ समन्वय कर संरचनात्मक जांच भी कराई जाएगी।

राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्पष्ट किया है कि जिन विद्यालयों को भूकंप, भूस्खलन या भारी बारिश जैसी आपदाओं से नुकसान पहुंचा है, उनका पुनर्निर्माण प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। शिक्षा मंत्री का कहना हैं कि इस कार्य के लिए राज्य आपदा मोचन निधि (SDRF) से स्वीकृत बजट के अंतर्गत जिलेवार धनराशि जारी कर दी गई है। अब जिलों को यह तय करना है कि किन-किन स्कूलों में पहले मरम्मत और निर्माण कार्य कराया जाए। सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों (C.E.O.s) को निर्देशित किया गया है कि वे आपदा प्रभावित विद्यालयों एवं अन्य शैक्षिक परिसंपत्तियों की तत्काल मरम्मत और पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ करें। इन कार्यों की उपयोगिता प्रमाण पत्र तैयार कर मार्च 2026 तक शिक्षा महानिदेशालय को प्रस्तुत करना अनिवार्य किया गया है। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा और पढ़ाई दोनों सरकार की प्राथमिकता में है। भवनों की मरम्मत से लेकर पुनर्निर्माण तक हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

 

पुनर्निर्माण कार्यों के लिए पहले चरण में 20 करोड़..

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जानकारी दी है कि राज्य आपदा मोचन निधि से विद्यालयी शिक्षा विभाग के लिए कुल 30 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। इसमें से पहले चरण में 20 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गई है, जिससे आपदाग्रस्त स्कूल भवनों का मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक द्वारा सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों (CEOs) को पत्र जारी कर निर्देशित किया गया है कि वे आवंटित धनराशि को शीघ्रता से योजनागत व्यय करें। साथ ही, सभी पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति रिपोर्ट और उपयोगिता प्रमाण पत्र मार्च 2026 तक अनिवार्य रूप से शिक्षा निदेशालय को भेजें। आपदा मद के तहत टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, चमोली, अल्मोड़ा, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिले को दो-दो करोड़ की धनराशि आवंटित की गई है। जबकि देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, रुद्रप्रयाग, चंपावत एवं बागेश्वर जिले को एक-एक करोड़ की धनराशि जारी की गई है। राज्य सरकार शिक्षा के साथ-साथ बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। आपदाग्रस्त विद्यालयों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए चरणबद्ध तरीके से बजट जारी किया जा रहा है।

आवंटित धनराशि से प्राकृतिक आपदा से वास्तविक रूप से क्षतिग्रस्त स्कूल भवनों, चाहरदीवारी, खेल मैदान, शौचालय एवं अन्य क्षतिग्रस्त परिसंपत्ति का पुनर्निर्माण एवं मरम्मत कार्य किया जाएगा। इसके लिए मुख्य शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं, साथ ही उन्हें निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का भी खास ध्यान रखने को कहा गया है। इसके साथ ही अधिकारियों को योजना के तहत निर्माण कार्यों की उपयोगिता प्रमाण पर मार्च 2026 तक विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम राज्य के उन हजारों बच्चों के लिए राहत लेकर आया है, जो असुरक्षित भवनों में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। अब स्कूल भवनों की मरम्मत के साथ-साथ उनकी बुनियादी सुविधाएं भी बेहतर होंगी।