August 24, 2025

सितंबर से उत्तराखंड में जिलेवार पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण, विदेशी विशेषज्ञ देंगे ट्रेनिंग..

सितंबर से उत्तराखंड में जिलेवार पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण, विदेशी विशेषज्ञ देंगे ट्रेनिंग..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में पर्यटन को नई उड़ान देने की तैयारी तेज हो गई है। सितंबर से राज्य के विभिन्न जिलों में पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। खास बात यह है कि प्रशिक्षण देने के लिए स्विट्जरलैंड और तुर्किए के एसोसिएशन ऑफ पैराग्लाइडिंग पायलट एंड ट्रैकर (APPI) के विशेषज्ञ उत्तराखंड आएंगे। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं को एडवेंचर स्पोर्ट्स में करियर के नए अवसर उपलब्ध कराना और प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है। सरकार का मानना है कि इससे न केवल रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे, बल्कि साहसिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

पर्यटन को नई ऊंचाई देने के लिए उत्तराखंड सरकार सितंबर से जिलेवार पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। पर्यटन सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि राज्य की ऊंची चोटियां और मनोहारी घाटियां पैराग्लाइडिंग के लिए अपार संभावनाएं रखती हैं। योजना के तहत दो चरणों में 20-20 दिन का प्रशिक्षण होगा। पहले चरण में 141 ऐसे युवाओं को मौका मिलेगा, जिनके पास पहले से पैराग्लाइडिंग का अनुभव या जानकारी है। प्रशिक्षण के बाद पर्यटन विकास विभाग उन्हें लाइसेंस जारी करेगा, जिससे वे टैंडम पायलट बनकर दूरदराज के पर्वतीय क्षेत्रों में पैराग्लाइडिंग केंद्र स्थापित कर सकेंगे। पहले चरण का प्रशिक्षण चंपावत में आयोजित होगा, जिसमें स्विट्जरलैंड और तुर्किए के APPI विशेषज्ञ युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे।

पर्यटन सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि पहले युवाओं को इस ट्रेनिंग के लिए हिमाचल प्रदेश जाना पड़ता था, लेकिन अब यह सुविधा प्रदेश में ही उपलब्ध होगी। मॉनसून समाप्त होते ही योजना को धरातल पर उतारा जाएगा। प्रशिक्षण के बाद पर्यटन विकास विभाग लाइसेंस जारी करेगा, जिससे युवा टैंडम पायलट बनकर अपने ही गांव-घर में पैराग्लाइडिंग केंद्र स्थापित कर सकेंगे। इससे न केवल रोमांचक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि गांवों से हो रहे पलायन पर भी रोक लगेगी। सरकार इस योजना के लिए करीब एक करोड़ रुपये की मदद प्रदान करेगी। युवाओं को उनके गृह क्षेत्र में ही प्रशिक्षण दिया जाएगा और इसके बाद अपने इलाके में पैराग्लाइडिंग पर्यटन को बढ़ाने का अवसर मिलेगा। प्रशिक्षण में स्विट्जरलैंड और तुर्किए के APPI विशेषज्ञ युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे।

उत्तराखंड में पैराग्लाइडिंग के लिए कमर्शियल लाइसेंस पाने का रास्ता अब आसान होने जा रहा है। अब तक राज्य में P1 और P2 कोर्स के बाद आवश्यक SIV ट्रेनिंग और 100 घंटे की फ्लाइंग पूरी करना युवाओं के लिए मुश्किल था, क्योंकि यह सुविधा प्रदेश में उपलब्ध नहीं थी। यही वजह रही कि जरूरत के अनुसार युवाओं को कमर्शियल लाइसेंस नहीं मिल पाता था। इसके साथ ही APPI के मानकों के अनुसार 50 फ्लाइंग पूरी करने के बाद एग्जाम पास करना जरूरी होता है, जिसके बाद ही कमर्शियल लाइसेंस जारी होता है। लेकिन यह व्यवस्था अब तक उत्तराखंड में लागू नहीं हो पाई थी। सरकार के नए प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत अब युवाओं को सभी चरणों की ट्रेनिंग और फ्लाइंग घंटे पूरे करने का अवसर यहीं मिलेगा। इससे न केवल कमर्शियल पायलट बनने का रास्ता साफ होगा, बल्कि राज्य में पैराग्लाइडिंग पर्यटन को भी नई ऊंचाइयां मिलेंगी।