
मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना से जुड़ेगीं पात्र महिलाएं, मिलेगा आर्थिक सहारा..
उत्तराखंड: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से बाल विकास परियोजना कार्यालय, बेलनी में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बाल विकास परियोजना अधिकारी शैली प्रजापति ने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। शैली प्रजापति ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य राज्य की एकल महिलाओं जैसे विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता, अपराध या एसिड हमले की पीड़िता महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ना और आत्मनिर्भर बनाना है। उनका कहना हैं कि योजना के अंतर्गत उत्तराखंड की स्थायी निवासी एकल महिलाएं पात्र होंगी, जिनकी आयु 21 से 50 वर्ष के बीच हो और जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय ₹72,000 से अधिक न हो। योजना का लाभ स्वरोजगार स्थापित करने, छोटे व्यापार शुरू करने, या आजीविका के अन्य साधनों में लगाया जा सकता है।
कार्यक्रम में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों से अपील की गई कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में रहने वाली पात्र महिलाओं को इस योजना की जानकारी दें, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इससे लाभान्वित हो सकें। इस पहल का उद्देश्य न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि उन्हें सामाजिक सम्मान और आत्मनिर्भरता की ओर भी अग्रसर करना है। योजना के अंतर्गत अधिकतम ₹2 लाख तक के प्रोजेक्ट को वित्तीय सहायता दी जा सकती है। इसमें सरकार द्वारा 75% तक की सब्सिडी, यानी अधिकतम ₹1.5 लाख तक, दी जाएगी। शेष 25% राशि लाभार्थी को स्वयं वहन करनी होगी। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को मातृ वंदना योजना के तहत आईडी लॉगिन कर लाभार्थियों के फॉर्म भरने की प्रक्रिया भी सिखाई गई, जिससे वे अपने क्षेत्र की पात्र महिलाओं का समय पर पंजीकरण कर सकें।
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