October 19, 2025

उत्तराखंड में नकली और घटिया दवाओं के खिलाफ चलेगा “ऑपरेशन क्लीन”..

उत्तराखंड में नकली और घटिया दवाओं के खिलाफ चलेगा “ऑपरेशन क्लीन”..

 

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश में नकली और खराब गुणवत्ता वाली दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने के लिए उत्तराखंड सरकार सख्त एक्शन मोड में आ गई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर “ऑपरेशन क्लीन” नाम से एक विशेष अभियान की शुरुआत शनिवार से की जा रही है। अभियान के तहत राज्यभर में फार्मा कंपनियों, थोक विक्रेताओं और फुटकर दवा दुकानों का सघन निरीक्षण किया जाएगा। मौके से लिए गए दवाओं के सैंपल लैब जांच के लिए भेजे जाएंगे, ताकि उनकी गुणवत्ता की पुष्टि की जा सके। इस अभियान के संचालन के लिए खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने एक विशेष क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) गठित की है। इस टीम का नेतृत्व सहायक औषधि नियंत्रक हेमंत सिंह नेगी कर रहे हैं। टीम में कुल 8 विशेषज्ञ सदस्य शामिल किए गए हैं, जो अलग-अलग जिलों में छापेमारी कर जांच करेंगे। राज्य सरकार का उद्देश्य न केवल नकली दवाओं की पहचान करना है, बल्कि इस अवैध कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना भी है। अधिकारियों के अनुसार अभियान के दौरान जिस भी दवा में गुणवत्ता की कमी या जालसाजी पाई जाएगी, उस पर तत्काल प्रभाव से कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दवा लाइसेंस रद्द करने से लेकर एफआईआर तक की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार का कहना हैं कि अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रदेश को नशामुक्त बनाना और नागरिकों को गुणवत्ता युक्त दवाएं उपलब्ध कराना है। यह अभियान औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 एवं नियम 1945 के तहत संचालित किया जाएगा। अभियान के संचालन के लिए खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) का गठन किया है। सहायक औषधि नियंत्रक हेमंत सिंह नेगी की अध्यक्षता में गठित इस आठ सदस्यीय टीम द्वारा फार्मा कंपनियों, थोक विक्रेताओं और फुटकर दवा दुकानों का निरीक्षण किया जाएगा। संदिग्ध दवाओं के सैंपल लिए जाएंगे और जांच के लिए भेजे जाएंगे। नकली, अधोमानक (सब-स्टैंडर्ड), मिसब्रांडेड और मादक औषधियों का निर्माण, भंडारण और बिक्री करने वालों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। भारत-नेपाल सीमा सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में सघन छापेमारी की जाएगी ताकि अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दवा तस्करी पर भी लगाम लगाई जा सके। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी विक्रेता, कंपनी या प्रतिष्ठान के पास से नकली या अधोमानक दवाएं पाई जाती हैं तो लाइसेंस रद्द करने से लेकर एफआईआर दर्ज करने तक की कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश सरकार का यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने और जनमानस को सुरक्षित औषधि उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक प्रयास माना जा रहा है।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया, क्यूआरटी में सहायक औषधि नियंत्रक मुख्यालय डॉ. सुधीर कुमार, वरिष्ठ औषधि निरीक्षक मुख्यालय नीरज कुमार, वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नैनीताल मीनाक्षी बिष्ट, वरिष्ठ औषधि निरीक्षक टिहरी सीपी नेगी, वरिष्ठ औषधि निरीक्षक हरिद्वार अनिता भारती, औषधि निरीक्षक देहरादून मानवेन्द्र सिंह राणा, औषधि निरीक्षक मुख्यालय निशा रावत, औषधि निरीक्षक मुख्यालय गौरी कुकरेती शामिल हैं। अभियान के तहत जिलों को औषधि निरीक्षण कार्य के लिए दो श्रेणियों में बांटा गया है। इसमें श्रेणी-एक में देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, पौड़ी, और श्रेणी-दो में अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, चंपावत शामिल हैं। प्रत्येक सप्ताह जिलों से प्राप्त औषधियों के नमूनों की प्राथमिकता के आधार पर जांच की जाएगी। विभाग ने नकली दवाइयों की सूचना के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन 18001804246 शुरू किया है।