July 21, 2025

सचिवालय में जमे अफसरों पर गिरी गाज, नई तबादला नीति लागू, 31 जुलाई तक होंगे सभी तबादले..

सचिवालय में जमे अफसरों पर गिरी गाज, नई तबादला नीति लागू, 31 जुलाई तक होंगे सभी तबादले..

 

 

 

उत्तराखंड: सचिवालय में वर्षों से एक ही अनुभाग और विभाग में जमे अधिकारियों के तबादले अब तय हो गए हैं। मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन ने सचिवालय प्रशासन की नई तबादला नीति को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। इसके तहत 31 जुलाई तक सभी जरूरी तबादले कर दिए जाएंगे। हालांकि सचिवालय में 2007 में भी एक तबादला नीति लागू की गई थी, लेकिन वह प्रभावी नहीं हो सकी थी। इसका परिणाम यह हुआ कि कई अनुभागों में अधिकारी 10 से 15 वर्षों से जमे हुए हैं, जिससे पारदर्शिता और कार्य प्रणाली पर सवाल उठते रहे हैं। नई नीति का उद्देश्य सचिवालय में बेहतर प्रशासनिक दक्षता, जवाबदेही और निष्पक्षता को सुनिश्चित करना है। सूत्रों के अनुसार इस बार तबादलों को लेकर सख्ती बरती जा रही है और किसी भी प्रकार की सिफारिश या दबाव को नजरअंदाज करने के निर्देश दिए गए हैं। इस फैसले से जहां सचिवालय में हलचल तेज हो गई है, वहीं यह देखा जा रहा है कि लंबे समय से जमे अफसरों को अब नई जगहों पर जिम्मेदारी निभानी होगी।

उत्तराखंड सचिवालय में वर्षों से एक ही अनुभाग और विभाग में तैनात अधिकारियों पर सरकार ने सख्ती दिखाई है। मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन ने सचिवालय प्रशासन की नई तबादला नीति को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। यह नीति सचिवालय सेवा संवर्ग के अंतर्गत आने वाले अनुभाग अधिकारी से संयुक्त सचिव तक साथ ही समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी और कंप्यूटर सहायक जैसे पदों पर भी प्रभावी होगी। नीति के तहत सभी तबादले 31 जुलाई से पहले पूरे किए जाएंगे। इसके लिए एक तबादला समिति का गठन किया जाएगा, जिसे मुख्य सचिव के अनुमोदन से गठित किया जाएगा। इस समिति का अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिव सचिवालय सेवा में से कोई एक होगा। 2007 में भी सचिवालय में तबादला नीति बनाई गई थी, लेकिन वह प्रभावी ढंग से लागू नहीं हो सकी। नतीजतन कई अनुभागों में अधिकारी वर्षों से जमे हुए हैं, जिससे प्रशासनिक निष्पक्षता और कार्य की पारदर्शिता पर सवाल खड़े होते रहे हैं। इस बार सरकार ने संकेत दिए हैं कि नीति का सख्ती से पालन होगा और तबादलों में किसी भी प्रकार की सिफारिश या दबाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस कदम से प्रशासनिक कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही और ताजगी आएगी। यह नीति न केवल अधिकारियों के लंबे समय तक एक ही पद पर टिके रहने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएगी, बल्कि सचिवालय में कार्य संस्कृति को भी सकारात्मक दिशा में मोड़ने का प्रयास मानी जा रही है।

उत्तराखंड सचिवालय में प्रशासनिक पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन द्वारा सचिवालय प्रशासन की नई तबादला नीति को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। अब एक ही अनुभाग या विभाग में वर्षों से जमे अधिकारियों को हटाया जाएगा और तय अवधि के अनुसार तबादले किए जाएंगे। नई नीति के तहत एक तबादला समिति गठित की जाएगी, जिसके अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिव सचिवालय सेवा में से कोई एक होंगे। इसके साथ ही अपर सचिव सचिवालय प्रशासन और मुख्य सचिव द्वारा नामित अपर सचिव स्तर तक के अधिकारी भी समिति में सदस्य के रूप में शामिल होंगे। नीति के अनुसार सचिवालय सेवा के विभिन्न श्रेणियों के अधिकारियों के लिए अधिकतम तैनाती अवधि इस प्रकार तय की गई है। सचिवालय सेवा के श्रेणी-क के अधिकारी को किसी एक विभाग में अधिकतम तीन साल तक तैनाती मिलेगी। श्रेणी-ख के अधिकारियों को अनुभाग में अधिकतम पांच वर्ष तक तैनाती मिलेगी। श्रेणी-ग में समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी को अधिकतम पांच साल, कंप्यूटर सहायक को अधिकतम सात साल तक एक अनुभाग में तैनाती मिलेगी।