
भद्रराज मंदिर का नया नियम, श्रद्धालु मर्यादित वस्त्रों में ही कर सकेंगे प्रवेश..
उत्तराखंड: सिद्धपीठ भद्रराज मंदिर ने अब श्रद्धा के साथ मर्यादा को भी प्रवेश द्वार बना दिया है। मंदिर समिति ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए घोषणा की है: अब अमर्यादित वस्त्र पहनकर कोई भी श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकेगा। भद्रराज मंदिर के प्रबंधन ने यह कदम मंदिर की पवित्रता, धार्मिक अनुशासन, और आस्थामूलक वातावरण को बनाए रखने के लिए उठाया है। भद्रराज मंदिर केवल आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि संस्कृति और मर्यादा का प्रतीक भी बनता जा रहा है। यह पहल दर्शाती है कि आधुनिकता के साथ परंपरा कैसे तालमेल बिठा सकती है।
मसूरी से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी और 7,267 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह सिद्धपीठ, भगवान बलराम (भद्रराज) को समर्पित है और यहाँ हर वर्ष हजारों श्रद्धालु दर्शन हेतु आते हैं। हर वर्ष 16 और 17 अगस्त को यहाँ विशेष भद्रराज मेला लगता है, जिसमें जौनपुर क्षेत्र ही नहीं, बलराम भक्त देशभर से जुटते हैं। इस बार की तैयारियों के बीच मंदिर समिति ने एक अहम फैसला लिया है। भद्रराज मंदिर समिति बिन्हार जौनपुर, पछवादून मसूरी ने श्रद्धालुओं से मर्यादित वस्त्रों में आने का आग्रह करते हुए स्पष्ट किया है कि धार्मिक स्थल पर कपड़ों की मर्यादा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी मन की। समिति ने यह भी ऐलान किया है कि यदि कोई श्रद्धालु अमर्यादित वस्त्रों में पहुंचता है, तो उन्हें परिसर में धोती पहनने की सुविधा दी जाएगी, ताकि किसी की श्रद्धा बाधित न हो। समिति के अध्यक्ष राजेश नौटियाल का कहना हैं कि सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि मंदिर में छोटे वस्त्र, स्कर्ट, ऑफ पेंट, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट, कटी-फटी जींस पहनकर आने वालों को प्रवेश न दिया जाए। मंदिर में सभी का आचरण मर्यादित होना चाहिए। अगर कोई ऐसे कपड़े पहनकर आता है जो अमर्यादित प्रतीत होते हैं तो मंदिर समिति उन्हें धोती उपलब्ध कराएगी।
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