July 21, 2025

अब विदेशों में नौकरी का मौका, उत्तराखंड उपनल के जरिए गैर सैन्य पृष्ठभूमि के लोग भी होंगे भर्ती

अब विदेशों में नौकरी का मौका, उत्तराखंड उपनल के जरिए गैर सैन्य पृष्ठभूमि के लोग भी होंगे भर्ती..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में पूर्व सैनिकों के लिए गठित उपनल (उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम) के माध्यम से अब गैर सैन्य पृष्ठभूमि वाले युवाओं को भी विदेशों में रोजगार के अवसर मिलेंगे। यह जानकारी राज्य के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने दी। मंत्री के अनुसार विदेशों में विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए गैर सैन्य पृष्ठभूमि वालों को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। यह कदम राज्य के युवाओं को वैश्विक स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में एक नई पहल के रूप में देखा जा रहा है। यह स्पष्ट किया गया है कि गैर सैन्य पृष्ठभूमि के लोगों की भर्ती सिर्फ विदेशों में नौकरी के लिए की जाएगी। राज्य के भीतर उपनल के माध्यम से केवल पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को ही नियुक्तियां मिलेंगी। आपको बता दे कि वर्ष 2004 में उपनल का गठन पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को विभिन्न विभागों में नौकरी दिलाने के उद्देश्य से किया गया था। लेकिन बीते वर्षों में उपनल के जरिए गैर सैन्य पृष्ठभूमि वाले “चहेते” और “प्रभावशाली” लोगों की भर्तियों को लेकर कई शिकायतें सामने आई थीं। इन शिकायतों के बाद राज्य सरकार ने गैर सैन्य भर्तियों पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी। सरकार की इस नई योजना से उन युवाओं को लाभ होगा जो सैन्य पृष्ठभूमि से नहीं आते लेकिन विदेशों में नौकरी करने के इच्छुक हैं। यह पहल न केवल बेरोजगारी कम करने की दिशा में सहायक हो सकती है, बल्कि उत्तराखंड को ग्लोबल वर्कफोर्स हब के रूप में भी पहचान दिला सकती है।

अब उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम (उपनल) के माध्यम से गैर सैन्य पृष्ठभूमि वाले लोगों की भर्ती विदेशों के लिए की जा सकेगी। हालांकि, देश के भीतर उपनल के माध्यम से उनकी नियुक्तियों पर लगी रोक पहले की तरह जारी रहेगी। उपनल निदेशक ब्रिगेडियर जेएनएस बिष्ट (सेनि) ने जानकारी दी कि 31 मार्च 2022 से गैर सैनिकों की भर्ती पर लगी रोक अब केवल विदेशों में रोजगार के मामलों के लिए हटाई गई है। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के अनुसार विदेशों में रोजगार के लिए होने वाली भर्तियों में 50 प्रतिशत पद पूर्व सैनिकों और 50 प्रतिशत पद गैर सैनिकों के लिए आरक्षित रहेंगे। यह व्यवस्था इसलिए अपनाई जा रही है क्योंकि विदेशी कंपनियों द्वारा तकनीकी रूप से दक्ष कर्मियों की मांग अधिक की जा रही है। मंत्री जोशी ने कहा कि पूर्व सैनिकों में से कई लोग तकनीकी दक्षता की उस स्तर की पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं जो विदेशी नौकरियों के लिए आवश्यक है। इसी कारण तकनीकी रूप से योग्य गैर सैनिक युवाओं को अब उपनल के माध्यम से विदेशों में भेजे जाने का रास्ता खोला गया है।उपनल के निदेशक ने यह स्पष्ट किया कि यह सुविधा केवल विदेशों में रोजगार तक सीमित रहेगी। उत्तराखंड या भारत के अन्य राज्यों में गैर सैनिकों की उपनल के माध्यम से भर्ती पर पहले की तरह ही रोक जारी रहेगी। सरकार का कहना है कि इस फैसले से विदेशों में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, लेकिन इसके साथ यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि पूर्व सैनिकों के अधिकारों और प्राथमिकताओं से कोई समझौता न हो।

आपको बात दे कि वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्य सचिव द्वारा एक शासनादेश जारी कर गैर सैन्य पृष्ठभूमि के लोगों को भी उपनल के माध्यम से भर्ती की अनुमति दी गई थी। हालांकि इस निर्णय का पूर्व सैनिकों ने कड़ा विरोध किया, जिसके चलते सरकार को यह आदेश निरस्त करना पड़ा। इसके बाद 2020 में कोविड महामारी के दौरान उपनल के माध्यम से गैर सैनिकों की भर्ती का रास्ता दोबारा खोला गया। आपातकालीन सेवाओं और स्टाफ की आवश्यकता को देखते हुए यह निर्णय लिया गया था। लेकिन यह व्यवस्था अस्थायी थी और वर्तमान में इस पर भी रोक जारी है। हाल ही में लिए गए नए निर्णय के अनुसार, गैर सैन्य पृष्ठभूमि के लोग केवल विदेशों में नौकरी के लिए उपनल के माध्यम से भर्ती हो सकेंगे। उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के अनुसार, यह कदम विदेशों में तकनीकी दक्ष लोगों की बढ़ती मांग के मद्देनज़र उठाया गया है।

उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम (उपनल) का अब अपना स्थायी निदेशालय भवन देहरादून के पुरकुल क्षेत्र में बनेगा। इसके लिए निगम को सैनिक कल्याण विभाग से पांच बीघा जमीन लीज पर दी गई है। शासन के साथ एमओयू (सहमति ज्ञापन) भी संपन्न हो चुका है। यह जमीन 30 वर्षों के लिए लीज पर उपलब्ध कराई गई है। पुरकुल में बनने वाला यह निदेशालय भवन उपनल की कार्यप्रणाली को और अधिक सुव्यवस्थित और आधुनिक बनाएगा। विशेष रूप से विदेशों में रोजगार के लिए भर्ती प्रक्रिया को यहीं से संचालित किया जाएगा। इससे पारदर्शिता, गति और दक्षता तीनों में सुधार होगा। उपनल निदेशक के अनुसार वर्तमान में विदेशों में कार्य के लिए करीब एक हजार तकनीकी दक्ष लोगों की मांग आ चुकी है। यह संख्या आगामी महीनों में और बढ़ने की संभावना है। जैसे ही पुरकुल में भवन निर्माण पूरा होगा, रोजगार देने की प्रक्रिया भी वहां से शुरू कर दी जाएगी। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के अनुसार विदेशों में रोजगार के लिए तकनीकी रूप से प्रशिक्षित और दक्ष उम्मीदवारों की मांग सबसे अधिक है। इसी को देखते हुए उपनल के माध्यम से विदेशों में नियुक्ति की प्रक्रिया तेज की जा रही है।