October 20, 2025

उत्तराखंड को एसडीआरएफ कोष से 455.60 करोड़ रुपये मिलेंगे, केंद्रीय गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला..

उत्तराखंड को एसडीआरएफ कोष से 455.60 करोड़ रुपये मिलेंगे, केंद्रीय गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला..

 

 

उत्तराखंड: केंद्र सरकार ने उत्तराखंड और अन्य बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित राज्यों के लिए 1,066.80 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मंजूर की है, जो एक सकारात्मक कदम है। उत्तराखंड को 455.60 करोड़ रुपये की राशि, जो कि राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) का केंद्रीय हिस्सा है, इस संकट से निपटने में मदद करेगी। यह सहायता बुनियादी ढांचे की मरम्मत, राहत कार्यों, और प्रभावित लोगों की पुनर्वास प्रक्रिया में सहायक होगी। बाढ़ और भूस्खलन की वजह से होने वाली तबाही के कारण राज्य की हालत काफी गंभीर हो जाती है, और ऐसे में केंद्रीय मदद बहुत जरूरी हो जाती है।

यह स्थिति वाकई गंभीर है, खासकर जब इतनी अधिक बारिश, बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाओं के कारण बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा हो। राहत और पुनर्निर्माण कार्यों के लिए यह वित्तीय सहायता एक बड़ी मदद साबित हो सकती है। आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस राशि का उपयोग मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में किया जाएगा जहां सार्वजनिक संपत्तियों का भारी नुकसान हुआ है, जैसे सड़कें, पुल, स्कूल और अन्य महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर। इसके साथ ही पुनर्निर्माण के साथ-साथ प्रभावित लोगों को भी मदद मिलेगी, ताकि वे फिर से सामान्य जीवन जीने की ओर बढ़ सकें।टीमों का निरंतर राहत कार्य में जुटा रहना एक महत्वपूर्ण पहलू है, क्योंकि आपदा के बाद जितनी जल्दी राहत पहुंचाई जाए, उतनी ही जल्दी लोग अपनी स्थिति में सुधार कर सकते हैं। इस प्रकार की आपदाओं के बाद राज्य और केंद्र सरकार का सामूहिक प्रयास न केवल राहत कार्यों में, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए तैयारी करने में भी महत्वपूर्ण होता है।

इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट में कहा है कि मोदी सरकार हर परिस्थिति में राज्यों के साथ दृढ़ता के साथ खड़ी है। आज केंद्र सरकार ने बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित राज्यों असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, केरल और उत्तराखंड के लिए एसडीआरएफ के तहत केंद्रीय हिस्से के रूप में 1066.80 करोड़ स्वीकृत किए हैं। एसडीआरएफ-एनडीआरएफ कोष से 8000 करोड़ रुपये की सहायता 19 राज्यों को मिल चुकी है, यह दिखाता है कि केंद्र सरकार आपदाओं से निपटने में गंभीरता से जुटी है। इस वित्तीय मदद से प्रभावित क्षेत्रों में राहत, पुनर्निर्माण और पुनर्वास कार्यों को गति मिलेगी। आपदा प्रबंधन में वित्तीय सहायता के साथ-साथ एक मजबूत और सक्षम रसद तंत्र भी उतना ही आवश्यक है। सेना और वायुसेना की तैनाती से ना सिर्फ बचाव कार्यों में तेज़ी आती है, बल्कि आपातकालीन स्थिति में प्रभावित क्षेत्रों तक राहत सामग्री पहुंचाना भी आसान होता है।