June 26, 2025

1 जुलाई से शुरू होगा बद्रीनाथ धाम में ध्यान गुफाओं का संचालन..

1 जुलाई से शुरू होगा बद्रीनाथ धाम में ध्यान गुफाओं का संचालन..

ऋषिगंगा फॉल के पास साधकों को मिलेगा आध्यात्मिक एकांत..

 

उत्तराखंड: बद्रीनाथ धाम में स्थित ध्यान गुफाओं को अब अधिक सुविधा संपन्न और श्रद्धालुओं के लिए आरामदायक बनाया जा रहा है। आध्यात्मिक साधना और एकांतवास की परंपरा से जुड़ी इन गुफाओं को आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार संवारा जा रहा है, ताकि आगंतुकों को ठहराव के दौरान ठंड और असुविधा का सामना न करना पड़े। हाल ही में हुई भारी बर्फबारी के कारण कई ध्यान गुफाओं को नुकसान पहुँचा था। इन गुफाओं की मरम्मत और सुदृढ़ीकरण कार्य इन दिनों तेजी से किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग और मंदिर समिति के सहयोग से यह कार्य श्रद्धालुओं के आगामी आवास के दृष्टिगत प्राथमिकता पर है। प्रशासन का उद्देश्य है कि श्रद्धालु गुफाओं में ध्यान और साधना के पारंपरिक अनुभव को महसूस करते हुए मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित न रहें। इसके साथ ही पर्यावरण और शांति बनाए रखने के लिए सख्त नियम और समय सीमाएं भी लागू रहेंगी।

नीलकंठ पर्वत की तलहटी में स्थित बद्रीनाथ की ध्यान गुफाएं, जहां अब तक 41 श्रद्धालु साधना और ध्यान के लिए पहुंच चुके हैं, जल्द ही श्रद्धालुओं के लिए सुविधा युक्त आध्यात्मिक स्थल बनने जा रही हैं। नगर पंचायत बद्रीनाथ द्वारा निर्मित ये गुफाएं अब पहली बार रात्रि प्रवास के लिए भी उपलब्ध कराई जाएंगी। यह दो गुफाएं प्राकृतिक पत्थर की बनी हुई हैं, जबकि दो सीमेंटयुक्त संरचना वाली हैं, जो आधुनिक सुविधाओं के अनुकूल हैं। हालांकि चारधाम यात्रा के दौरान कई श्रद्धालु यहां एकांत साधना के लिए आते हैं, परंतु सुविधाओं के अभाव और सुरक्षा कारणों से नगर पंचायत रात्रि प्रवास की अनुमति नहीं देती थी।

नगर पंचायत के अधिकारियों के अनुसार गुफाएं अब बिजली, बेड, कंबल और गर्म पानी जैसी सुविधाओं से सुसज्जित की जा रही हैं, जिससे साधकों को कठिन परिस्थितियों का सामना न करना पड़े। अब तक ध्यान करने वाले श्रद्धालुओं से कोई शुल्क नहीं लिया गया। नगर पंचायत का उद्देश्य है कि यह स्थान शुद्ध आध्यात्मिक साधना के लिए समर्पित बना रहे, न कि व्यावसायिक गतिविधियों के लिए। बद्रीनाथ धाम की परंपरा में यह नई पहल श्रद्धालुओं को सुव्यवस्थित और सम्मानजनक वातावरण में ध्यान करने का अवसर देगी। स्थानीय प्रशासन इसे अध्यात्मिक पर्यटन की दिशा में एक सशक्त कदम मान रहा है।बद्रीनाथ मंदिर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित हैं। इनका निर्माण वर्ष 2022 में नगर पंचायत बदरीनाथ द्वारा कराया गया था। गुफाओं का स्थान ऐसा चुना गया है जहां से नीलकंठ पर्वत और ऋषिगंगा फॉल का मनमोहक दृश्य साधकों को ध्यान और साधना के लिए प्रेरित करता है। अब नगर पंचायत की ओर से गुफाओं को सुविधासंपन्न बनाया जा रहा है। यहां बिजली की सुविधा दी जा रही है जिससे श्रद्धालु यहां ध्यान, साधना कर रात को प्रवास भी कर सकेंगे। गुफाओं के बाहर शौचालय की सुविधा भी दी जाएगी।

नगर पंचायत के अधिशासी अभियंता सुनील पुरोहित ने जानकारी दी कि जिलाधिकारी के निर्देश पर गुफाओं का सुधार और सुदृढ़ीकरण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है, जो आगामी 1 जुलाई से पूरी तरह से चालू हो जाएगा। हाल की बर्फबारी से गुफाओं को हुए नुकसान की मरम्मत का कार्य तेज़ी से किया जा रहा है। छतों और दीवारों को सुरक्षित और मौसमरोधी बनाया जा रहा है। नई सुविधाओं में बिजली, गर्म पानी, बेड और कंबल प्रमुख रूप से जोड़े गए हैं। अब तक इन ध्यान गुफाओं में निःशुल्क साधना की अनुमति दी जाती थी, लेकिन गुफाओं में बढ़ रही सुविधाओं के चलते अब श्रद्धालुओं से शुल्क लिया जाएगा। नगर पंचायत के बोर्ड की ओर से शुल्क निर्धारण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, जल्द ही रोज़ाना या प्रति प्रवास आधारित दरें तय की जाएंगी। अधिशासी अभियंता सुनील पुरोहित ने कहा कि ध्यान गुफाएं साधकों के लिए एक आध्यात्मिक शरणस्थली हैं। इन्हें सुविधाजनक बनाकर हम श्रद्धालुओं को एक बेहतर और सुरक्षित अनुभव देना चाहते हैं। यह निर्णय न केवल ध्यान-साधना को बढ़ावा देगा, बल्कि बद्रीनाथ में सुनियोजित अध्यात्मिक पर्यटन के विकास की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित होगा।