
बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति का अभी तक नहीं हुआ गठन, 30 अप्रैल से शुरू होगी यात्रा..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष पद का खाली रहना एक अहम मुद्दा बना हुआ है। प्रदेश सरकार अब तक नए अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं कर पाई है, जिससे मंदिर समिति से जुड़ी कई व्यवस्थाओं पर अनिश्चितता बनी हुई है। आपको बता दे कि बीकेटीसी के अधीन बद्रीनाथ और केदारनाथ सहित कुल 47 मंदिर आते हैं, जिनके दर्शन, पूजा-पाठ और प्रशासनिक व्यवस्थाएं बीकेटीसी द्वारा संचालित की जाती हैं। अध्यक्ष की नियुक्ति न होने से इन व्यवस्थाओं पर असर पड़ सकता है, खासकर जब यात्रा शुरू होने में ज्यादा समय नहीं बचा है।
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) की अध्यक्षीय कुर्सी खाली होने से चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वर्ष 1939 में अंग्रेजों के समय गठित इस समिति के अध्यक्ष को प्रदेश सरकार नामित करती है, लेकिन निवर्तमान अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कार्यकाल 7 जनवरी को समाप्त होने के बावजूद, अब तक नए अध्यक्ष की घोषणा नहीं हुई है। इस बीच 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है, और बिना अध्यक्ष के बीकेटीसी की तैयारियां जारी हैं। समिति की जिम्मेदारी केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यात्रियों की सुविधाओं और मंदिरों के प्रशासनिक कार्यों का भी प्रबंधन करती है। ऐसे में अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी व्यवस्थाओं पर असर डाल सकती है।
चारधाम यात्रा की तैयारियों के बीच बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष पद का खाली होना एक बड़ी प्रशासनिक चुनौती बन गया है। यात्रा के दौरान बद्रीनाथ और केदारनाथ में दर्शन और अन्य धार्मिक व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने के लिए बीकेटीसी बोर्ड की बैठक बेहद जरूरी होती है, लेकिन अध्यक्ष पद रिक्त होने के कारण अब तक यह बैठक नहीं हो पाई है। अध्यक्ष पद के लिए कई भाजपा नेता दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन अंतिम निर्णय सीएम को लेना है।
More Stories
उत्तराखंड सरकार को राहत, पंचायत चुनाव पर हाई कोर्ट की रोक हटी..
फूलों की घाटी में विदेशी सैलानियों की बढ़ी रुचि, रूस और लिथुआनिया से पहुंचे 26 पर्यटक..
उत्तराखंड पीसीएस प्री परीक्षा 29 जून को, आयोग ने बारिश और ट्रैफिक को लेकर दी चेतावनी..