अब चीन बॉर्डर तक आसानी से पहुंचेगी सेना, ग्वालदम से तपोवन तक आर्मी रोड को मिली मंजूरी..
उत्तराखंड: भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने ग्वालदम से नंदकेशरी-देवाल-वाण-कनोल-रामणी-झिंझी-इराणी-दुर्मा होते हुए तपोवन तक एक आर्मी सड़क की स्वीकृति दी है। इस सड़क के निर्माण के बाद देवाल, नंदानगर क्षेत्रों के दिन बहूरने के आसार बढ़ गये हैं। मिली जानकारी के अनुसार विगत दिनों भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने शिवालिक परियोजना के तहत ग्वालदम से तपोवन तक 99.2 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण की स्वीकृति दी है। इसके निर्माण का जिम्मा बीआरओ को दिया गया है। इस सड़क के निर्माण के बाद धारचूला से जोशीमठ चायना बार्डर की दूरी करीब 65 किमी कम हो जाएगी, जिससे सेना को आने जाने में ग्वालदम से तपोवन तक करीब तीन से चार घंटे कम लगेंगे। इसके साथ ही ऋषिकेश-बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर कर्णप्रयाग से तपोवन तक जगह-जगह लगने वाले जाम से भी सेना के वाहनों के साथ ही कुमाऊं क्षेत्र से श्री बद्रीनाथ को आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को भी बड़ा लाभ मिलना तय माना जा रहा है।
थराली विधायक भूपाल राम टम्टा ने ग्वालदम से तपोवन तक आर्मी सड़क के निर्माण की स्वीकृति मिलने पर खुशी व्यक्त की है। उनका कहना हैं कि इससे थराली विधानसभा क्षेत्र के एक बड़े हिस्से को भारी लाभ मिलना तय है। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सड़क की स्वीकृति दिए जाने पर विधायक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीएम पुष्कर सिंह धामी एवं गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इस सड़क के निर्माण से सेना के साथ ही स्थानीय लोगों को निश्चित ही भारी लाभ मिलेगा और इस क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
ग्वालदम-तपोवन मोटर सड़क के संबंध में बीआरओ गौचर के कमांड अधिकारी मनोहर कुमार का कहना हैं कि विगत दिनों रक्षा मंत्रालय ने इस सड़क के निर्माण की स्वीकृति देते हुए निर्माण कार्य का जिम्मा बीआरओ को सौंपा है। उन्होंने कहा कि ग्वालदम से नंदकेशरी, देवाल, वाण गांव तक 60 किमी मोटर सड़क का निर्माण कार्य लोनिवि थराली ने किया हुआ है। इसका चौड़ीकरण एवं सुधारीकरण करते हुए इससे आगे 39 किलोमीटर मोटर सड़क का बीआरओ के द्वारा नव निर्माण किया जाएगा। उन्होंने लोनिवि थराली के अधिशासी अभियंता को ग्वालदम से वाण तक सड़क बीआरओ को विधिवत हस्तांतरित करने के लिए मंगलवार को ही एक पत्र भेजा है। जल्द ही बीआरओ इस सड़क को अपने अधीन लेकर डीपीआर का गठन कर इस परियोजना पर कार्य शुरू कर देगी।
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