मौसम खुलते ही केदारनाथ यात्रा ने पकड़ी रफ्तार, गर्भगृह के दर्शन कर रहे श्रद्धालु..
उत्तराखंड: मौसम में सुधार होते ही केदारनाथ पैदल यात्रा ने रफ्तार पकड़ ली है। रविवार को पैदल मार्ग से 8460 यात्रियों ने केदारनाथ के लिए प्रस्थान किया। इस दौरान 4084 श्रद्धालु दर्शन कर लौट भी आए। सोनप्रयाग भूस्खलन जोन में एसडीआरएफ के जवानों ने यात्रियों को रास्ता पार कराया। साथ ही जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने गौरीकुंड से लिनचोली तक पैदल मार्ग का जायजा लेते हुए यात्रियों से बातचीत भी की। रविवार को सुबह से ही सोनप्रयाग में यात्रियों की भीड़ जुटने लगी थी। सुहावने मौसम के बीच सुबह 5 बजे से यात्रियों को धाम के लिए छोड़ा गया। सुबह 8 बजे तक तीन हजार श्रद्धालुओं ने सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए प्रस्थान किया। इस दौरान जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार भी यात्रियों के साथ पैदल चलते हुए लिनचोली पहुंचे।
उन्होंने गौरीकुंड से लिनचोली तक रास्ते के सभी संवेदनशील स्थानों का जायजा लेते हुए संवेदनशील स्थानों में बुजुर्ग यात्रियों को रास्ता पार भी कराया। साथ ही यात्रियों को समूह में चलने की सलाह दी, जिससे किसी भी मुसीबत में वह एक-दूसरे की मदद कर सके। डीडीएमओ का कहना हैं कि रास्ते के सुधारीकरण का कार्य जोरों पर चल रहा है। मजदूरों के द्वारा रास्ते को पर्याप्त चौड़ा करने के लिए पुश्ता निर्माण किया जा रहा है। इधर सोनप्रयाग सेक्टर मजिस्ट्रेट राकेश सिंह का कहना हैं कि कुल 8460 यात्री केदारनाथ के लिए रवाना हुए, जिसमें 65 फीसदी शाम तक धाम पहुंच चुके थे। दूसरी तरफ बाबा केदार के दर्शन कर 4084 श्रद्धालु पैदल मार्ग से वापस सोनप्रयाग लौट चुके हैं।
आपको बता दे कि बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई है। रविवार को 8287 श्रद्धालुओं ने बद्री विशाल के दर्शन किए। अभी तक 969815 श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं। बद्रीनाथ हाईवे जगह-जगह बाधित होने के बावजूद श्रद्धालुओं का धाम में पहुंचने का सिलसिला जारी है। पिछले दिनों हुई बारिश के बाद अब धाम में मौसम सुहावना हो गया है। श्रद्धालु प्राकृतिक सौंदर्य का भी लुत्फ उठा रहे हैं।
केदारनाथ में 15000 यात्रियों के रात्रि प्रवास का इंतजाम..
यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने धाम व पड़ावों पर यात्री सुविधाएं पुख्ता कर दी हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार का कहना हैं कि केदारनाथ में 15 हजार यात्रियों के रात्रि प्रवास की व्यवस्था की गई है। साथ ही लिनचोली, भीमबली और बेस कैंप में भी यात्रियों के ठहरने के उचित इंतजाम हैं। श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति भी बेहतर दर्शन व्यवस्था में जुट गई है। जिला प्रशासन ने श्रीनगर को ट्रांजिट कैंप बनाया है। जहां भारी बारिश या यात्रियों की संख्या अधिक होने पर यात्रियों को रोका जाएगा। जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान श्रीनगर एक महत्वपूर्ण शहर है। प्रशासन द्वारा बद्रीनाथ-केदारनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने या बारिश की स्थिति में यात्रियों को श्रीनगर में ही रोकने की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
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