February 7, 2025

आखिर क्‍यों आक्रोश में हैं केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित? 10 मई से अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान..

आखिर क्‍यों आक्रोश में हैं केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित? 10 मई से अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान..

 

 

 

 

उत्तराखंड: केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने धाम के कपाट खुलने के दिन से अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान किया है। तीर्थ पुरोहितों ने उनके हितों की अनदेखी का आरोप भी लगाया है। उनका कहना हैं कि जिस दिन केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे उसी दिन से वो धाम में अनिश्चितकालीन बंद करेंगे।केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने शासन-प्रशासन द्वारा केदारनाथ धाम में किए जा रहे निर्माण से स्थानीय निवासियों के भवनों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने इसी के विरोध में अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान किया है। तीर्थ पुरोहितों ने आरोप लगाए हैं कि उन्हें बिना बताए भवनों के आगे बड़े-बड़े गड्डे बनाए जा रहे हैं। इन गड्ढों से उनके भवनों को नुकसान पहुंच रहा है।

केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी का कहना हैं कि जून 2013 की आपदा के बाद से केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य चल रहे हैं। इन कार्यों में केदारनाथ से जुड़े लोग प्रशासन का हरसंभव सहयोग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन पुनर्निर्माण के नाम पर मनमानी कर उनके हक-हकूकों व अधिकारों के साथ खिलवाड़ कर रहा है। उनका कहना हैं कि कुछ दिनों से केदारनाथ में तीर्थपुरोहित व हक-हकूकधारियों के आवासीय व व्यवसायिक भवनों के आगे गड्ढे किए जा रहे हैं, जो समझ से परे है। इन गड्ढों से उनके भवन को खतरा पैदा हो गया है। इस संबंध में अधिकारी-कर्मचारियों से पूछने पर उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। कहा कि केदारघाटी के सैकड़ों परिवार यात्रा पर निर्भर हैं। केदारनाथ में उन्हें भूमिधरी का अधिकार मिला है, लेकिन वर्तमान में वह जमीन उनके कब्जे में नहीं है। प्रशासन द्वारा जब-तब उन्हें परेशान किया जा रहा है।

 

तीर्थ पुरोहितों के हितों की अनदेखी के आरोप..

भवनों को नुकसान पहुँचने की बात को लेकर केदारसभा की ओर से सीएम पुष्कर सिंह धामी को भी ज्ञापन सौंपा गया है। केदारसभा की बैठक में आरोप लगाया गया कि केदारनाथ धाम में आई आपदा के बाद से लगातार धाम में तीर्थ पुरोहितों के हितों की अनदेखी की जा रही है। केदारसभा के महामंत्री डा. राजेंद्र प्रसाद तिवारी का कहना हैं कि केदारसभा ने भी बैठक कर इस मामले की आगे की रणनीति पर चर्चा की है। उन्होंने कहा कि 10 मई को शासन-प्रशासन की इस कार्रवाई के विरोध में केदारनाथ के सभी व्यापारी अपने होटल, लॉज, ढाबा, दुकानें और विश्राम गृह बंद रखेंगे।