38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए सरकार तैयार पर विभाग की तैयारियां अधूरी..
उत्तराखंड: प्रदेश को अब नए साल 2025 की शुरुआत में 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है। सरकार इसके लिए पूरी तरह से तैयार है, लेकिन विभाग और खेल संघ की तैयारियां अभी अधूरी हैं। महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज देहरादून में जहां 15 या फिर इससे अधिक खेल होने हैं, उसके लिए सिंथेटिक ट्रैक को ठीक किया जाना है। वहीं उत्तराखंड ओलंपिक संघ अभी यह तय नहीं कर पाया है कि 37 खेलों में से किस खेल में राज्य के कितने खिलाड़ी दमखम दिखाएंगे। राज्य में राष्ट्रीय खेलों के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी गठित है, ताकि राष्ट्रीय खेलों की तैयारी एवं खेलों के दौरान मौके पर निर्णय लिए जा सकें। इसके साथ ही महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज में राष्ट्रीय खेल सचिवालय बनाया गया है।
खेल विभाग के अफसरों का कहना हैं कि राष्ट्रीय खेलों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर अक्तूबर अंतिम सप्ताह में तैयार हो जाएगा। देहरादून में 15 से 16 खेल होने हैं। देहरादून के साथ ही हरिद्वार, हल्द्वानी, रुद्रपुर, टिहरी और पिथौरागढ़ में खेल होंगे। खेलों के स्थान के चयन को लेकर अंतिम मुहर गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी और प्रतियोगिता निदेशक की ओर से लगाई जाएगी।
कराटे राज्य की ओर से शामिल किए गए..
विभाग के संयुक्त निदेशक अजय अग्रवाल का कहना हैं कि राष्ट्रीय खेलों में 37 खेलों मेें से तीन खेल मलखम, योगासन और कराटे राज्य की ओर से शामिल किए गए हैं। हालांकि राज्य सरकार चाहे तो कुछ अन्य खेल इसमें शामिल कर सकती है। अभी खेल सामग्री की खरीद की जानी है। इसके लिए एक सप्ताह के भीतर निविदा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि खेलों में कौन से खिलाड़ी खेलेंगे, इसमें राज्य सरकार का कोई सीधा रोल नहीं हैं। खेल संघ को यह तय करना है।
हालांकि राष्ट्रीय खेलों के लिए चयनित खिलाड़ियों के प्रशिक्षण का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। राष्ट्रीय खेलों की तैयारी को लेकर विशेष प्रमुख सचिव खेल की ओर से 14 अक्तूबर को उत्तराखंड ओलंपिक संघ और खेल विभाग की बैठक बुलाई है।
सिंथेटिक ट्रैक को करना है ठीक, सड़कें भी ठीक नहीं..
आपको बता दे कि महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज में सिंथेटिक ट्रैक को अभी ठीक किया जाना है। तकनीकी कमेटी की ओर से इसमें राष्ट्रीय खेलों को लेकर कुछ आपत्ति जताई गई है। इसे पूरा उखाड़ा जा सकता है। जिसे नए सिरे से बनने में काफी समय लग सकता है। वहीं, राज्य में जिन स्थानों पर राष्ट्रीय खेल प्रस्तावित हैं, उन स्थानों पर सड़कों की स्थिति भी ठीक नहीं है। उत्तराखंड ओलंपिक संघ महासचिव डीके सिंह कहना हैं कि राज्य ओलंपिक में हर एसोसिएशन ने खिलाड़ियों का चयन किया है। इसके बाद प्रशिक्षण शिविर के लिए ट्रायल होने हैं। प्रशिक्षण शिविर से राष्ट्रीय खेलों के लिए खिलाड़ी चयनित किए जाएंगे। खास बात यह है कि हम सभी खेलों में अपने खिलाड़ियों को मैदान में उतार सकते हैं।
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