November 22, 2024

चारधाम यात्रा में एक दिन में 16 श्रद्धालुओं की मौत 23 दिन में 91 की गई जान..

चारधाम यात्रा में एक दिन में 16 श्रद्धालुओं की मौत 23 दिन में 91 की गई जान..

उत्तराखंड : चारधाम यात्रा में गुरुवार को सोलह यात्रियों की मौत हो गई। 13 यात्रियों की मौत हार्ट अटैक जबकि तीन की मौत देर रात हुए हादसे में हुई। यात्रा शुरू होने से अब तक 23 दिन की अवधि में 91 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है।

केदारनाथ..

गुरुवार को केदारनाथ में चार यात्रियों की मृत्यु हो गई। मृतकों में नंदू (65) निवासी बिहार, हरिद्वार तिवारी (62), आरएन त्रिपाठी (65) दोनों निवासी यूपी और हेमराज सोनी (61) निवासी राजस्थान शामिल हैं।

यमुनोत्री..

यमुनोत्री मार्ग पर गुरुवार को हृदयगति रुकने से चार यात्रियों की मौत हो गई। जानकीचट्टी में सिद्धेराजन (57) निवासी तमिलनाडु, दिलीप पंराजपे (75) निवासी महाराष्ट्र, राम चंद्र साहू(67) निवासी उत्तर प्रदेश व लालचंद राठी(56) निवासी राजस्थान की हार्ट अटैक से मौत हुई। उधर, डबरकोट के पास देर रात साढ़े नौ बजे एक मैक्स वाहन के खाई में गिर जाने से महाराष्ट्र के तीन यात्रियों की मौत हो गई। हादसे में दस यात्री घायल भी हुए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बदरीनाथ-गंगोत्री..

बदरीनाथ धाम में गुरुवार को तीन व गंगोत्री में दो यात्रियों की मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक, जीवी विजय कुमार (62), निवासी कर्नाटक व कमला बाई (62) निवासी राजस्थान समेत एक अन्य की मौत हुई। उधर, गंगोत्री में हैदराबाद निवासी पी. शोक बाबू और चन्द्रभान राठौर निवासी आगरा की हार्ट अटैक से मौत हो गई।

डीजी हेल्थ डॉ.शैलजा भट्ट ने कहा, ‘गुरुवार को चारधाम दर्शन के लिए आए 13 यात्रियों की मौत हो गई। एक की मौत अस्पताल में हुई है जबकि 11 यात्रियों की जान होटल और पैदल मार्ग पर गई। एक यात्री की मौत गंगोत्री में डूब जाने से हुई। चारधाम में स्वास्थ्य सेवाओं को पहले के मुकाबले मजबूत किया गया है और कुल 169 डॉक्टरों को यात्रा में तैनात किया गया है।’

यात्री रखें ख्याल..

1. श्रद्धालु यात्रा मार्ग पर खुले स्वास्थ्य शिविरों में जांच कराते हुए रुक-रुककर यात्रा करें ताकि उन्हें आराम मिले और सांस न फूले।

2. ऑक्सीजन लेवल 85 से नीचे आने पर दिक्कत महसूस होने लगती है। ऐसा होने पर स्वास्थ्य शिविरों और अस्पतालों से ऑक्सीजन ले लें।

3. केदारनाथ और यमुनोत्री की यात्रा पूरी तरह फिट होने पर ही करें।

4. धामों में मौसम लगातार खराब है। ऐेसे में यात्री पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े लेकर जाएं।