April 19, 2025

चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू, इन पांच जगहों पर होगा ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन..

चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू, इन पांच जगहों पर होगा ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन..

 

उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के शुरुआती 15 दिनों में करीब 10 लाख श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान है। बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रदेश सरकार ने विशेष रणनीति तैयार की है। इस बार जिस तिथि का पंजीकरण होगा, उसी दिन ही दर्शन की अनुमति मिलेगी, ताकि धामों में अनावश्यक भीड़ न बढ़े। सरकार ने पंजीकरण प्रक्रिया को आसान और सुलभ बनाने के लिए ऋषिकेश, हरिद्वार, विकासनगर, हर्बटपुर और नया गांव में ऑफलाइन पंजीकरण केंद्र भी स्थापित किए हैं। प्रशासन का उद्देश्य है कि यात्रा सुव्यवस्थित और सुरक्षित तरीके से संचालित हो। इस चुनौती को देखते हुए प्रदेश सरकार ने भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष रणनीति तैयार की है। सरकार ने निर्णय लिया है कि जिस तिथि का पंजीकरण होगा, उसी दिन ही श्रद्धालु को दर्शन की अनुमति दी जाएगी। इससे एक ही दिन में एक स्थान पर अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ जमा नहीं होगी और यात्रा सुरक्षित एवं नियंत्रित तरीके से संपन्न हो सकेगी।

उत्तराखंड में 30 अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा को लेकर सरकार ने तीर्थयात्रियों के लिए सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित यात्रा योजना तैयार की है। हर वर्ष की तरह इस बार भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिसे ध्यान में रखते हुए कई अहम निर्णय लिए गए हैं। यात्रा को तीर्थयात्रियों के लिए सुचारु बनाए रखने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने 2 से 31 मई तक की अवधि में वीआईपी अतिथियों से यात्रा पर न आने का अनुरोध किया है। इस संबंध में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजकर चारधाम यात्रा में वीआईपी को यात्रा से बचने का आग्रह किया गया। सरकार का मानना है कि वीआईपी यात्राओं के कारण व्यवस्थाओं पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे आम तीर्थयात्रियों को असुविधा होती है। इसलिए यह अनुरोध किया गया है कि VIP अतिथि यात्रा की भीड़भाड़ वाली अवधि के दौरान दर्शन से परहेज करें। आपको बता दे कि यात्रा के लिए श्रद्धालुओं ने जिस दिन का पंजीकरण कराया है। उन्हें उसी दिन धामों में दर्शन करने की अनुमति होगी। इसके साथ ही धामों में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं की भीड़ के आधार पर पंजीकरण कराया जाएगा।