October 18, 2024

यूकेएसएसएससी फिर शुरू करेगा नई भर्तियां..

यूकेएसएसएससी फिर शुरू करेगा नई भर्तियां..

 

 

उत्तराखंड: समूह-ग की भर्तियों में पेपर लीक का दाग लगने, सभी भर्तियां उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के पास चली जाने के बाद अब उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) नए सिरे से नई भर्तियां शुरू करने के लिए तैयार है। इस बार पेपर लीक को रोकने के लिए आयोग ने सख्त इंटरनल एसओपी ((मानक प्रचालन प्रक्रिया) और निर्देश जारी किए हैं। इसमें नकल रोकने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं।

 

यूकेएसएसएससी स्नातक स्तर की भर्ती, वन दरोगा और सचिवालय गार्ड भर्ती में पेपर लीक का बड़ा मामला सामने आया है। इस मामले में करीब 45 लोगों को सलाखों के पीछे किया जा चुका है। राज्य लोक सेवा आयोग को राज्य सरकार द्वारा 23 ग्रुप-सी भर्तियों की जिम्मेदारी दी गयी थीं। इसके अनुसार राज्य लोक सेवा आयोग कैलेंडर प्रकाशित कर भर्तियां करा रहा है। इस बीच सरकार ने पूर्व आईपीएस जीएस मर्तोलिया को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की जिम्मेदारी सौंप दी।

उन्होंने सभी पहलुओं पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद सुरक्षित परीक्षाओं के लिए एक सख्त इंटरनल एसओपी प्रकाशित की है। आयोग पहले से रद्द परीक्षाओं के री-एग्जाम के साथ ही मार्च में नई भर्तियों की विज्ञप्ति भी जारी करेगा। मर्तोलिया के मुताबिक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और शासन स्तर पर चर्चा हो चुकी है। इस एसओपी का सभी अधिकारियों और दस्तावेज प्रकाशित करने वालों को पालन करना चाहिए। दूसरी ओर, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सचिव जीएस रावत का कहना हैं कि फिलहाल वहीं भर्तियां कराई जा रही हैं, जिनकी जिम्मेदारी सरकार ने सौंपी थी।

प्री और मेन परीक्षा का प्रस्ताव शासन में लंबित.

आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने कहा कि समूह-ग की भर्तियों को टू-टियर यानी प्री और मेन के तौर पर कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। यह अभी लंबित है। उनका कहना हैं कि जल्द ही इस प्रस्ताव पर शासन से वार्ता की जाएगी। संयुक्त प्रवेश परीक्षा का कोई भी प्रस्ताव न तैयार हुआ और न ही शासन को भेजा गया है।

सरकार से वार्ता के बाद ही कुछ तय हो पाएगा। वही मर्तोलिया ने कहा कि यूकेएसएसएससी की पहल पर शासन में नकल अध्यादेश तैयार हो रहा है। इस कानून के लागू होने के बाद न केवल नकल माफिया बल्कि पेपर छापने वाली एजेंसी और एग्जाम में ड्यूटी करने वाले सरकारी अफसरों के लिए भी सख्त नियम होंगे। इससे माफिया के हौसले पस्त होंगे।